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पाकिस्तान से जंग हुई तो भारत का INS तमाल, काटेगा बवाल, जानें वॉरशिप की खूबियां

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान पहले ही आशंका जता चुका है कि भारत उसके ऊपर हमला करेगा। पाकिस्तान परमाणु हमले की गीदड़भभकी देने के साथ यह भी स्पष्ट कर चुका है कि आतंकी हमले में उसका कोई हाथ नहीं है। तनाव के बीच नेवी को नया युद्धपोत मिलने वाला है। उसके बारे में जानते हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम जिले में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान 22 अप्रैल के बाद से लगातार एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान को डर है कि भारत कभी भी उसके ऊपर हमला कर सकता है। युद्ध की आशंका के चलते भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसी बीच पाकिस्तान की चिंता बढ़ा देने वाली खबर सामने आई है। भारतीय नौसेना के बेड़े में जल्द मल्टी रोल स्टेल्श गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'तमाल' की एंट्री होने जा रही है। रूस में नौसेना के कर्मियों को तमाल का इस्तेमाल करने संबंधी ट्रेनिंग दी जा रही है। यह भी पढ़ें:SC के जजों की संपत्ति सार्वजनिक, जानें CJI संजीव खन्ना की नेट वर्थ? इस शिप की डिलीवरी भारत को अगले साल जून तक मिलनी थी, लेकिन अब इसी महीने के अंत तक 28 मई को इसकी डिलीवरी हो जाएगी। यह भारतीय सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम है। तमाल को रूस के यांतर शिपयार्ड में तैयार किया गया है। तमाल की गिनती दुनिया के घातक वॉरशिप्स में होती है। इस शिप से दुनिया की सबसे खतरनाक एंटी शिप मिसाइल ब्रह्मोस को दागा जा सकता है। इससे पहले भारतीय नौसेना में INS तुशील भी शामिल हो चुका है।

9 साल पहले हुआ था समझौता

आपको बता दें कि रूस और भारत के बीच 9 साल पहले 2016 में समझौता हुआ था। इसके तहत भारत ने रूस को 4 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने की जिम्मेदारी दी थी। 9 दिसंबर 2024 को INS तुशील को भारतीय नौसेना में शामिल करने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए थे। अब तुशील के बाद भारतीय नौसेना में INS तमाल की एंट्री होने जा रही है।

विदेश से खरीदा जाने वाला आखिरी जहाज

2003 से ही भारतीय नौसेना में तलवार क्लास के वॉरशिप शामिल किए जाने लगे हैं। इंडियन नेवी के पास इस समय इस क्लास के 6 जंगी जहाज मौजूद हैं। इनमें से 4 पर ब्रह्मोस मिसाइलें इंस्टॉल की जा चुकी हैं। 2 वॉरशिप्स पर जल्द इन मिसाइलों को इंस्टॉल कर दिया जाएगा। भारतीय नौसेना स्पष्ट कर चुकी है कि INS तमाल के बाद विदेश से कोई जंगी जहाज नहीं खरीदा जाएगा। स्वदेश में ही इनके निर्माण पर जोर दिया जाएगा। यह भी पढ़ें:अमेरिका छोड़कर जाओ, 1 हजार डॉलर पाओ… डोनाल्ड ट्रंप किन लोगों को दे रहे ऑफर?


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