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TRF का डिप्टी चीफ, पाकिस्तानी सेना से कनेक्शन…कौन है पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद (सैफुल्लाह कसूरी) है, जो TRF का डिप्टी चीफ है। बताया जा रहा है कि उसे पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों से समर्थन मिलता है।

pahalgam terror attack
Who Is Pahalgam Terror Attack Mastermind: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम घाटी में हुए आतंकी हमले में कई मासूमों की जान चली गई है। इस हमले ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस आतंकी हमले में करीब 26 लोगों की मौत हो चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। साथ ही इस आतंकी हमले के मास्टरमाइंड का भी पता लग गया है जिसका नाम सैफुल्लाह खालिद बताया जा रहा है जो सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है।

कौन है सैफुल्लाह खालिद?

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में कई मासूम लोगों की जान चली गई है। आतंकियों ने नाम पूछ-पूछ कर लोगों को गोलियों से भून डाला। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जिसके डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को आतंकी हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।  इसका कनेक्शन हाफिज सईद से भी है और भारत में हुए कई आतंकी हमलों में भी उसका नाम आता रहा है। कहा जाता है कि सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान का पूरा सपोर्ट मिलता है और वो वहां की सेना के साथ भी अच्छे संबंध रखता है। साथ ही वो पाक में खुलेआम घूमता है और जिहादी भाषण भी देता है। यह भी पढ़ें: TRF ने ली पहलगाम हमले की जिम्मेदारी, कितना खतरनाक है यह आतंकी संगठन, कौन किंगपिन? जानें सबकुछ

उसे पाकिस्तान का मिलता है सपोर्ट

कथित तौर पर सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान का भी फुल सपोर्ट मिलता है। कहा जाता है कि पाक सेना के साथ भी सैफुल्लाह खालिद के अच्छे संबंध हैं। उस पर आरोप है कि वो पाक सेना को भड़काता है और नौजवानों का माइंड वाश करता है। मिली जानकारी के अनुसार, सैफुल्लाह खालिद को दो महीने पहले पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर में पाक सेना ने एक जिहादी भाषण देने के लिए बुलाया था।

क्या है TRF?

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली है। जानकारी के लिए बता दें कि TRF को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई से बचने के लिए बनाया गया है।  टीआरएफ का मुख्य उद्देश्य लश्कर-ए-तैयबा मामले में पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव को कम करना है। टारगेट किलिंग के कई मामलों में टीआरएफ शामिल रहा है। इसके हैंडलर सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते हैं। कश्मीर के अंदर चलने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है। टीआरएफ ने पिछले दिनों अपनी हिट लिस्ट भी जारी की थी। इस लिस्ट में कई भाजपा नेताओं, सैन्य व पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल थे। यह भी पढ़ें: अमित शाह ने की हाईलेवल मीटिंग, आतंकियों के सफाए का फुलप्रूफ प्लान; जानें लेटेस्ट अपडेट्स


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