Online Gaming GST Controversy: दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि वह आज जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी किए गए कर चोरी नोटिस को वापस लेने की मांग करेंगी। 'जीएसटी काउंसिल' ने न केवल 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर 28% टैक्स स्लैब लगाया है, बल्कि केंद्र सरकार ने हमारे सभी गेमिंग स्टार्ट-अप को कर देयता नोटिस भी जारी किया है, जिसकी कुल कीमत 1.5 लाख करोड़ रुपए है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्टार्टअप सेक्टर में सबसे बड़ा और तेजी से बढ़ता सेक्टर
आतिशी ने कहा कि, आज देश में ऑनलाइन गेमिंग, स्टार्टअप सेक्टर में सबसे बड़ा और तेजी से बढ़ता सेक्टर है। इस सेक्टर में आज 50,000 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। इस इंडस्ट्री में विदेशी निवेशकों ने 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किए हैं। पूरे देश में 40 करोड़ से ज्यादा लोग ऑनलाइन मनोरंजन के लिए गेमिंग प्लेटफार्म्स पर लुडो, शतरंज, कैरम जैसे छोटे-छोटे गेम्स खेलते हैं और इस सेक्टर को भारतीय स्टार्टअप सेक्टर का 'सनराइज सेक्टर' माना जाता है।
निवेशक कंपनियों में पैसा लगाने से कतरायेंगे
आतिशी ने कहा कि इस सेक्टर में 17,000 करोड़ का विदेशी निवेश आ चुका है और 25,000 करोड़ का निवेश पाइपलाइन में है। ऐसे में टैक्स इतना अस्थिर होगा तो, विदेशी निवेशक इन कंपनियों में निवेश करने से कतरायेंगे, साथ ही ये अस्थिर टैक्स परिस्थितियां न केवल ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री बल्कि पूरे स्टार्टअप्स व एंत्रप्रेन्योरशिप इंडस्ट्री को बुरी तरह से प्रभावित करेगा। क्योंकि निवेशकों को अपने पैसों के डूबने का डर होगा और कोई भी विदेशी निवेशक भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश नहीं करना चाहेगा।
टैक्स नोटिस इस इंडस्ट्री को खत्म कर देंगे
वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, अगर युवा स्टार्टअप्स करने से डरने लगेगा तो हमारा अगला फ्लिपकार्ट कहां से आएगा, अगला जोमैटो कहां से आएगा, अगला पेटीएम, अगला भारत पे कहां से आएगा। इसलिए जरूरी है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को बचाने के लिए ऐसे टैक्स नोटिस जो इस इंडस्ट्री को खत्म कर देंगे उन्हें वापिस ले लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वो आज जीएसटी काउंसिल में इन नोटिस को वापस लेने की मांग उठायेंगी।