Fraudster steals Rs 99,999 from lok Sabha MP: लोक सभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री दयानिधि मारन के बैंक अकाउंट से फ्रॉडस्टर ने ऑनलाइन धोकेबाजी कर 99,999 रुपये उड़ा लिए। मारन ने एक्स पोस्ट कर बताया कि एक ठग ने उनकी पत्नी को फोन किया और खुद को बैंक कर्मचारी होने का दावा किया था। इसके बाद उनके सेविंग अकाउंट से 99,999 रुपये उड़ा लिए। जबकि उनकी पत्नी ने फ्रॉडस्टर के साथ वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) शेयर नहीं किया था। मारन ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में इस फ्रॉड का खुलासा किया।
ना OTP शेयर किया
चेन्नई पुलिस में शिकायत दर्ज कर मारन ने कहा कि उनका एक्सिस बैंक की गोपालपुरम शाखा में एक बैंक खाता है। उनकी पत्नी उस समय मलेशिया में थीं, 8 अक्टूबर को शाम करीब 4.10 बजे एक अनजान मोबाइल नंबर (+916215549621) से कॉल आया। ठग ने उनकी पत्नी से हिंदी में बात करते हुए कहा कि उन्होंने 99,000 रुपये का कोई लेनदेन शुरू किया था। उसे उसी नंबर से तीन और कॉल आईं। उसने कॉलों को नजरअंदाज कर दिया और उसके साथ कोई वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) शेयर भी नहीं किया।
ना अकाउंट से नंबर लिंक
फ्रॉडस्टर ने खुद को बैंक से होने का दिखावा किया लेकिन उनकी डिस्प्ले पिक्चर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस की तस्वीर थी। इसी बीच उनकी पत्नी ने कॉल करने वाले से स्पष्टीकरण के लिए अपने पति से बात करने को कहा। मारन ने कहा कि उनकी पत्नी का मोबाइल नंबर बैंक खाते से लिंक नहीं है, जबकि उन दोनों का एक्सिस बैंक में एक जॉइंट बैंक खाता है।
ठग ने उड़ाए पूर्व केंद्रीय मंत्री के खाते से 99,999 रुपये
इसके बाद शाम करीब सवा चार बजे उनकी पत्नी को दूसरे मोबाइल नंबर (+916295812314) से आठ कॉल आईं। फिर उन्हें मोबाइल नंबर +916215549621 से एक और कॉल आई और उन्होंने इसे रिसीव कर लिया। इसके तुरंत बाद, दयानिधि मारन को एक मेल और एक टेक्स्ट संदेश मिला कि उनके सेविंग अकाउंट से 99,999 रुपये डेबिट कर लिए गए हैं।
फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और खोई हुई राशि को जल्द से जल्द वापस पाने के लिए पेमेंट गेटवे को से अनुरोध किया है।
केंद्र सरकार से "जवाबदेही और न्याय" की मांग
पुलिस ने कहा कि संदिग्धों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मारन ने उल्लेख किया कि वह इस बात से हैरान हैं कि धोखेबाजों ने उनकी प्राइवेट जानकारी तक कैसे पहुंच बनाई और सुरक्षा प्रोटोकॉल का इतनी आसानी से उल्लंघन कैसे किया। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से "जवाबदेही और न्याय" की मांग की। वहीं उन्होंने एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि जनवरी 2020 से जून 2023 तक भारत में 75% साइबर अपराधों के लिए वित्तीय धोखाधड़ी जिम्मेदार थी।