‘देश की प्रगति की पहली शर्त है मजबूत कानून व्यवस्था’ , शाह ने सीमा पर पनप रहे आतंकवाद के खिलाफ दिखाए कड़े तेवर
अमित शाह ने 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस को संबोधित किया।
Union Home Minister Amit Shah : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और अपनी आंतरिक सीमाओं को सुरक्षित करने पर ध्यान दिए बिना प्रगति नहीं कर सकता। गृहमंत्री शनिवार को देहरादून में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस को संबोधित करते हुए यह बात कही। अमित शाह ने कहा, ''देश में प्रगति की पहली शर्त कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करना, मजबूत आंतरिक सुरक्षा और हमारी सीमाओं को सुरक्षित करना है। शाह ने कहा कि देश की आंतरिक आंतरिक सुरक्षा को मजबूत और सीमाओं को सुरक्षित किए बिना देश प्रगति नहीं सकता।
शाह ने आगे कहा केंद्र ने पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और नक्सली क्षेत्रों में स्थिति को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है। इन वर्षों में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हमारी सरकार ने तीन हॉटस्पॉट, जम्मू कश्मीर, नक्सली क्षेत्रों और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में स्थिति को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जनता राहत की सांस ले रही है। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार नक्सल क्षेत्रों में तेजी से विकास के काम कर रही है।
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शाह ने कहा, 'हम पूर्वोत्तर क्षेत्रों को देश के अन्य हिस्सों से शांतिपूर्वक जोड़ने में सफल रहे हैं। 2019-23 से गृह मंत्रालय से लेकर स्थानीय पुलिस स्टेशन तक कानून व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वर्ष 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में दुनिया में नंबर एक बनाने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का बहुत महत्व है क्योंकि यह अमृत काल का पहला पुलिस विज्ञान है कांग्रेस है। इन 75 सालों में हमने लोकतंत्र की जड़ें मजबूत की हैं। पीएम मोदी ने लक्ष्य रखा है कि जब हम आजादी के 100 साल मनाएं तो देश हर क्षेत्र में दुनिया में नंबर एक हो।"
इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पुलिस बलों को आधुनिक तकनीकों से लैस करने की जरूरत है। उत्तराखंड में जंगल का फैलाव 71 फीसदी से ज्यादा है, इसलिए मेरा सुझाव है कि जंगलों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों को आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल के साथ-साथ सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने की जरूरत है। पुलिस को भी इससे लैस करने की जरूरत है। आधुनिक प्रौद्योगिकियां चूंकि हमारा राज्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के संपर्क में भी है।
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