No-Confidence Motion LIVE Updates: मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर कहा गया कि राजनीतिक दलों से चर्चा कर तारीख की घोषणा की जाएगी। बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लोकसभा उपाध्यक्ष गौरव गोगोई ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। अविश्वास प्रस्ताव को पूरे विपक्ष का साथ मिला।
उधर, आज यानी बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान और सदन में चर्चा की मांग की। विपक्ष के हंगामा के देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे, दो बजे और फिर गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) ने मंगलवार को कहा कि वह मणिपुर की स्थिति सहित उग्र मुद्दों पर प्रतिक्रिया देने के प्रयास में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
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लोकसभा द्वारा स्वीकार किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि अब, यह (अविश्वास प्रस्ताव) पेश कर दिया गया है और स्वीकार कर लिया गया है, अध्यक्ष को अब इस पर बहस और मतदान के लिए एक तारीख तय करनी है।
लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बिहार CM नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री को इसपर (मणिपुर मुद्दे) बयान देना चाहिए। वे (प्रधानमंत्री मोदी) सब दिन गायब रहते हैं। मणिपुर में जो भी घटना हो रही हैं, विपक्ष एकजुट होकर इस मुद्दे को उठा रहा है।
शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कोई अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है, कोई मणिपुर के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। लोग सोच रहे हैं कि पीएम संसद में क्यों नहीं आ रहे हैं...अगर हमें पीएम को संसद में लाने के लिए इस अविश्वास प्रस्ताव का इस्तेमाल करना है, तो मुझे लगता है कि हम इस देश की बहुत बड़ी सेवा करेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोगों को पीएम मोदी और बीजेपी पर भरोसा है। वे पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। इस देश की जनता ने उन्हें सबक सिखाया है।
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव आने दीजिए, सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं...सत्र शुरू होने से पहले वे चाहते थे चर्चा। जब हम सहमत हुए, तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। जब हम नियमों पर सहमत हुए, तो वे नया मुद्दा लेकर आए कि पीएम आएं और चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है कि ये सभी बहाने हैं।
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि यह संख्या का सवाल नहीं है. यह देश के प्रधानमंत्री के संसद में शामिल होने और उसे संबोधित करने के संवैधानिक औचित्य का सवाल है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष को कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा अविश्वास प्रस्ताव ताकि प्रधानमंत्री की उपस्थिति हो। यह अजीब है, देश ने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हम जानते हैं कि संख्याएं हमारे पक्ष में नहीं हैं लेकिन लोकतंत्र सिर्फ संख्याओं के बारे में नहीं है। मणिपुर जल रहा है और लोग पीएम के बोलने का इंतजार कर रहे हैं। शायद अविश्वास प्रस्ताव के बहाने उन्हें कुछ बोलने पर मजबूर किया जा सके। यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
वाईएसआरसीपी सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि जब सब कुछ अच्छा चल रहा है, तो अविश्वास प्रस्ताव की आवश्यकता कहां है? हम प्रस्ताव का विरोध करने जा रहे हैं।
विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच लोकसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उनकी मांग है कि पीएम सदन में आएं और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा हो।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज संसद पहुंचते ही आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात की। बता दें कि संजय सिंह और कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल को संसद के शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को शेष सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित करने पर भाजपा सांसद राम कृपाल यादव का कहना है, "बिना वजह हंगामा करना संजय सिंह के स्वभाव में है। उन्होंने (राज्यसभा) सभापति के साथ अभद्र व्यवहार किया, जिसके बाद उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया।"
अविश्वास प्रस्ताव पर बीएसपी सांसद मलूक नागर ने कहा कि हमारे लिए देश और उसके लोग पहले हैं। हम चर्चा में हिस्सा लेंगे। हम मणिपुर की हर बात पर विस्तार से चर्चा करेंगे। हम पहले ही मांग कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री बदला जाए। हम राजस्थान पर भी चर्चा करेंगे जहां दलितों और पिछड़ों के साथ बलात्कार हो रहा है और वहां भी सीएम बदले जाएं इस पर चर्चा करेंगे। हम 500 करोड़ रुपये की डायरी पर चर्चा करेंगे। हम छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार पर भी चर्चा करेंगे।
राज्यसभा के सदस्यों ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर लोकसभा सदस्यों ने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
'हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त संख्या है': कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, "विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA के साझेदारों ने सर्वसम्मति से एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। सरकार, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री कह रहे हैं कि हम सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन वे सदन में चर्चा के लिए माहौल नहीं बना रहे हैं। पीएम सदन में नहीं आ रहे हैं और हर दिन अपने कक्ष में बैठ रहे हैं, मीडिया से मिल रहे हैं और बीजेपी संसदीय दल की बैठकें कर रहे हैं... हमारे पास सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त संख्या है।"
क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव
जब लोकसभा में विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत नहीं है या फिर सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है, तब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। इसे ‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’ कहते हैं। संविधान में इसका उल्लेख आर्टिकल-75 में किया गया है, जबकि लोकसभा के नियम 198 में इसकी प्रक्रिया बताई गई है।
इसके अनुसार, केंद्रीय मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है। अगर सदन में बहुमत नहीं है, तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है। अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा में ही लाया जा सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इसके तहत सदन का कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। विपक्ष के सदस्य को सुबह 10 बजे से पहले प्रस्ताव की लिखित सूचना देनी होती है। इसमें कम से कम 50 सदस्यों को प्रस्ताव स्वीकार करना होता है। इसके बाद स्पीकर प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय करते हैं।
अगर विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आता है तो उसका फेल होना लगभग तय है। लोकसभा में अकेले बीजेपी के पास 301 सांसद हैं। गठबंधन एनडीए के पास 333 सांसद हैं। भारत की आजादी के बाद से लोकसभा में 27 अविश्वास प्रस्ताव लाए गए हैं। आखिरी अविश्वास प्रस्ताव मोदी सरकार के खिलाफ जुलाई 2018 में लाया गया था, जो बुरी तरह फेल रहा था।