‘हैरान हूं, आनंद मोहन की रिहाई पर चर्चा क्यों…’, बिहार के CM नीतीश कुमार ने बाहुबली का किया बचाव
Nitish Kumar
Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह का बचाव किया। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन सिंह की रिहाई के बाद मिल रही प्रतिक्रिया से हैरान हूं। 2017 से लेकर अब तक बिहार में 698 कैदियों को रिहा किया गया। इस बार भी 27 कैदियों की रिहाई हुई है। जिसमें सिर्फ एक ही कैदी पर चर्चा क्यों हो रही है।
जेल मैनुअल में हुए संशोधन का हवाला देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जब यह लागू नहीं था तो कई लोग इसकी मांग कर रहे थे। अब जब यह लागू हो गया है तो वे इसका विरोध कर रहे हैं। आनंद मोहन 15 साल तक जेल में रहे। उन्हें अपनी सजा मिली, और अब वे नियमों के तहत रिहा हो गए हैं।
24 अप्रैल को जारी हुई थी रिहाई की अधिसूचना
बिहार सरकार ने 24 अप्रैल को पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह समेत 27 कैदियों की रिहाई की अधिसूचना जारी की थी। बीते दिनों नीतीश की गठबंधन सरकार ने बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया है। पहले नियम था कि सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कभी भी छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा। 20 अप्रैल, 2023 को एक बैठक में 14 साल या 20 साल की सजा काट चुके कैदियों की रिहाई के लिए निर्णय लिया गया। यानी अब कोई भी कैदी 14 साल की सजा काटने के बाद रिहा हो सकता है। बशर्ते उसका आचरण अच्छा हो।
मुख्य सचिव ने भी किया था बचाव
हाल ही बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने भी मोहन की रिहाई का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि यह कानूनी प्रावधानों के अनुसार है और इस पर उठाए जा रहे सवाल आधारहीन है। उन्होंने कहा कि किसी पर कोई विशेष उपकार नहीं किया गया है। कारागार के नियमों में समय-समय पर सामान्य प्रक्रिया में संशोधन किया जाता है। ड्यूटी पर सरकारी कर्मचारी के बारे में खंड हटा दिया गया, क्योंकि यह भेदभावपूर्ण पाया गया था। इसके अलावा हमने पाया कि कोई अन्य राज्य इस तरह की हत्याओं को अलग तरह से नहीं देखता है।
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