Jammu and Kashmir: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हिंसा और आतंक के कृत्यों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की योजना से जुड़े आतंकी साजिश मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने इस आतंकी साजिश मामले में एक पाकिस्तानी नागरिक सहित दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोपियों की पहचान मोहम्मद उबैद मलिक (जिला कुपवाड़ा, जम्मू-कश्मीर) और मोहम्मद दिलावर इकबाल उर्फ माज खान कश्मीरी उर्फ माज खान उर्फ माज कश्मीरी उर्फ आजाद कश्मीरी (अब्बासपुर, POK का निवासी है) के रूप में हुई है।
एनआईए ने क्या कहा?
एनआईए द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि दोनों सुरक्षाबलों और तथाकथित 'बाहरी लोगों' पर हमले करके जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश में शामिल थे।
बयान में कहा गया है कि, ''जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर अल्वी का करीबी सहयोगी दिलवर, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके सहयोगियों द्वारा आतंकवादी कृत्यों और गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रची गई एक बड़ी साजिश के हिस्से के रूप में कश्मीरी युवाओं को प्रेरित करने में लगा हुआ था।"
एनआईए की जांच के अनुसार, दिलवर उबैद को जेईएम आतंकवादी रैंक में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार था। दिलवर उग्रवादी पृष्ठभूमि वाले युवाओं को भड़काऊ ऑडियो क्लिप और वीडियो के साथ-साथ मौलाना मसूद अजहर अल्वी की तस्वीरें भी साझा करते रहा है। वह कश्मीर घाटी में मुठभेड़ों से संबंधित वीडियो भी भेजता था और युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाता था।
आरोपियों पर आईपीसी, 1860 की धारा 120बी और 121ए और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 18, 18बी, 20 और 38 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
NIA ने 2022 में दर्ज किया था मामला
आतंकवादी साजिश का मामला (आरसी-05/2022/एनआईए/जेएमयू) 21 जून 2022 को एनआईए द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया था। यह आतंकवादी संगठनों द्वारा चिपचिपे बमों (sticky bombs), आईईडी और छोटे हथियारों के साथ जम्मू-कश्मीर में हिंसक आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश से संबंधित है।