TrendingMaha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025Ranji TrophyUP Diwas 2025Republic Day 2025IPL 2025

---विज्ञापन---

UAPA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे न्यूजक्लिक के फाउंडर, हाई कोर्ट के आदेशों को दी चुनौती

Newsclick founder challenged high court order: न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि उनकी गिरफ्तारी के विरोध में याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उस आदेश को अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

न्यूजक्लिक फाउंडर ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी। फोटो क्रेडिट-एएनआई
Newsclick founder challenged high court order: न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने यूएपीए मामले में अपनी गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस मामले में पहले उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसको रिजेक्ट कर दिया गया था। प्रबीर और अमित ने यूएपीए मामले में पुलिस रिमांड का विरोध भी कर सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। हाई कोर्ट ने दोनों को पुलिस कस्टडी में भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था। यह भी पढ़ें-Watch Video: मुंबई-गोवा फोरलेन हाईवे का निर्माणाधीन पिलर ढहा, हादसे के बाद जुटी भीड़; मशीन क्षतिग्रस्त जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) मामले में दायर याचिकाओं को सूचीबद्ध कर लिया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। ट्रायल कोर्ट ने भी यही आदेश दिया था। जिसके बाद मामले को दिल्ली हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया था। लेकिन दोनों को वहां से राहत नहीं मिली।

कपिल सिब्बल ने दिया उम्र का हवाला

प्रबीर और अमित की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिया कि कोर्ट दस्तावेज देखेगी, जिसके बाद मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा। सिब्बल ने गिरफ्तारी को लेकर हवाला दिया कि पुरकायस्थ की ऐज 70 साल हो चुकी है। पिछले हफ्ते ही दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली प्रबीर और अमित की याचिका को खारिज कर दिया था।

3 अक्टूबर को हुई थी दोनों की गिरफ्तारी

दोनों ने हवाला दिया था कि उनकी गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया गया है। जिसको न्यायालय ने सही नहीं माना। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उनका रिमांड और कस्टडी अवैध है। पंकज बंसल बनाम भारत संघ के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया था कि इसका उल्लंघन किया गया है। न्यायमूर्ति गेडेला ने मान लिया था कि शीर्ष कोर्ट का हालिया फैसला दोनों की गिरफ्तारी पर पूरी तरह लागू नहीं है। पुरकायस्थ और चक्रवर्ती पर आरोप है कि चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के बदले भुगतान लिया। पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर को दोनों को अरेस्ट किया गया था। 4 अक्टूबर को 7 दिन के रिमांड पर दोनों को भेजा गया। आरोप है कि दोनों ने विदेशी फंड से करोड़ों रुपये कमाए। न्यूजक्लिक को ये राशि 5 साल के दौरान मिली। इससे देश की सुरक्षा और अखंडता को भी खतरे में डाला गया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग से मामला जुड़ा है। इस पार्टी के सक्रिय सदस्य नेविल रॉय सिंघम ने इनकी संस्था को धोखाधड़ी के जरिए इनवेस्ट किया था। एफआईआर में भी इन बातों का हवाला दिया गया है।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.