केंद्र सरकार मनरेगा की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने जा रही है. ‘विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’, जिसे संक्षेप में VB-G RAM G या ‘जी राम जी’ कहा जा रहा है, विधेयक संसद में पेश किया गया है. सरकार का दावा है कि यह कानून 20 साल पुराने मनरेगा की सीमाओं को दूर कर ग्रामीण रोजगार को और आधुनिक स्वरूप देगा.
नए कानून के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को एक वर्ष में 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की कानूनी गारंटी दी जाएगी, जो मौजूदा 100 दिनों से 25 दिन अधिक है. भुगतान साप्ताहिक आधार पर या अधिकतम 15 दिनों के भीतर अनिवार्य होगा. यदि आवेदन के 15 दिन के अंदर काम उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो बेरोजगारी भत्ता देना होगा.
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सरकार के अनुसार, ‘जी राम जी’ को विकसित भारत 2047 के विजन से जोड़ा गया है. इसके तहत कार्यों को चार प्राथमिक क्षेत्रों—जल सुरक्षा, मुख्य ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका से जुड़ी अवसंरचना और आपदा-रोधी ढांचे—में सीमित किया गया है, ताकि बिखरे हुए कामों की जगह टिकाऊ संपत्तियों का निर्माण हो सके. सभी परिसंपत्तियों को विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक में जोड़ा जाएगा.
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योजना की विशेषता यह है कि ग्राम पंचायतें स्वयं विकसित ग्राम पंचायत योजनाएं तैयार करेंगी, जिन्हें पीएम गति-शक्ति और जियोस्पेशल प्लानिंग से जोड़ा जाएगा. निगरानी के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति, जियो-टैगिंग, रियल-टाइम एमआईएस डैशबोर्ड और नियमित सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य होंगे.
किसानों को ध्यान में रखते हुए विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि बुवाई और कटाई जैसे चरम कृषि मौसम में, अधिकतम 60 दिनों तक, रोजगार कार्य नहीं कराए जाएंगे ताकि खेती प्रभावित न हो. हालांकि आपदा या असाधारण हालात में इस नियम में छूट दी जा सकेगी.
सरकार का तर्क है कि 2005 के हालात में बना मनरेगा आज की बदली हुई ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अनुरूप नहीं रह गया था. डिजिटल पहुंच, गरीबी में कमी और आजीविका के नए अवसरों के बीच एक नए ढांचे की जरूरत थी. सरकार के अनुसार, VB-G RAM G Act 2025 ग्रामीण रोजगार के साथ-साथ पारदर्शिता, जवाबदेही और टिकाऊ विकास को मजबूती देगा. हालाकि विपक्षी दलों ने नाम बदलने का भारी विरोध किया है साथ ही कुछ विपक्षी दलों ने कहा कि 60:40 के रेश्यो से राज्य सरकार पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. हालांकि सरकार का साफ़ कहना है कि ये बिल गांधी की भावना, दीनदयाल का संकल्प और 2047 का लक्ष्य के हिसाब से है और देश के विकसित और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के संकल्प को पूरा करेगा.