TrendingAyodhya Ram MandirDharmendra & Hema MaliniBigg Boss 19Gold Price

---विज्ञापन---

NCERT ने 8वीं के सिलबेस में कौन-से किए हैं 5 बदलाव? भेजी गईं सोशल साइंस की नई किताबें

NCERT 8th Social Science Syllabus: NCERT ने 8वीं क्लसास के सिलेबस में बदलाव कर दिया है। सोशल साइंस का सिलेबस बदला गया है, जिसमें दिल्ली सल्तनत काल का जिक्र विस्तार से किया गया है। बाबर, अकसर, औंरगजेब आदि के बारे में कई नई जानकारियां नए सिलेबस में पढ़ने को मिलेंगी।

NCERT ने नए सिलेबस वाली किताबें भी स्कूलों को जारी कर दी हैं।
NCERT Changed Syllabus: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने सोशल साइंस सब्जेक्ट का सिलेबस बदला है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के अनुसार 8वीं की सोशल साइंस की किताब 'समाज की खोज: भारतीय और उससे परे' के सिलेबस में बदलाव किए गए हैं। सिलेबस में 13वीं से 17वीं शताब्दी तक दिल्ली में मराठा साम्राज्य, मुगल सम्राटों की 'क्रूरता' और 'असहिष्णुता' को विस्तार से शामिल किया गया है। यह भी पढ़ें:CBSE का बड़ा फैसला: 10वीं में Basic Math लेने वाले छात्र भी 11वीं में कर सकेंगे Standard Math का चयन

4 शताब्दियों का इतिहास समेटे हुए है नया सिलेबस

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सिलेबस में बदलाव के बारे में बताते हुए NCERT की ओर से कहा गया है कि सिलेबस में दोनों टॉपिक्स को शामिल करने का मकसद एक नोट में समझाया गया है। एक चेतावनी भी सिलेबस में मेंशन की गई है कि अतीत की घटनाओं के लिए वर्तमान में किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। नए सिलेबस के साथ नई किताबें स्कूलों को भेज दी गई हैं। वहीं नया सिलेबस 13वीं से 17वीं शताब्दी तक के भारतीय इतिहास को समेटे हुए है। नई किताब में स्टूडेंट्स को मुगल काल के बारे में पढ़ने को मिलेगा। बाबर और अकबर की क्रूरता के बारे में जानकारी मिलेगी कि कैसे उन्होंने कत्लेआम किया। मंदिरों और गुरुद्वारों को ध्वस्त किया। दिल्ली सल्तनत के उत्थान और पतन की कहानी, विजयनगर साम्राज्य, मुगल सम्राटों और उनके विरोध, सिखों का उदय, राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य अभियानों का जिक्र भी नए सिलेबस में किया गया है। यह भी पढ़ें:देश के इन टॉप इंस्टीट्यूट से करें BTech, नहीं होती JEE स्कोर की जरूरत

नए सिलेबस में पढ़ने को मिलेंगे ये 5 नए टॉपिक

1. अलाउद्दीन खिलजी के जनरल मलिक काफूर ने श्रीरंगम, मदुरै, चिदंबरम और रामेश्वरम में कई हिंदू मंदिरों पर हमला किया था। दिल्ली सल्तनत काल में बौद्ध, जैन और हिंदू मंदिरों पर हमले हुए थे। पवित्र या पूजनीय प्रतिमाओं को ध्वस्त किया गया था। मंदिरों का खजाना लूटा गया था। उस समय किया गया विनाश न केवल लूटपाट से, बल्कि मूर्तिभंजन से भी प्रेरित था। नए सिलेबस में इस बारे में विस्तार से बताया गया है। 2. नए सिलेबस में 'जजिया' का जिक्र किया गया है, जो कुछ सुल्तानों द्वारा गैर-मुस्लिम प्रजा पर लगाया गया था, ताकि उन्हें सुरक्षा और सैन्य सेवा से छूट मिले। सोशल साइंस की नई किताब कहती है कि यह कर सार्वजनिक अपमान का कारण था और प्रजा को इस्लाम अपनाने के लिए प्रोत्साहन देता था। 7वीं की पुरानी किताब में, जजिया को गैर-मुस्लिमों द्वारा भूमि कर के साथ चुकाए जाने वाले कर के रूप में वर्णित किया गया था, जिसे बाद में एक अलग कर बना दिया गया था। 3. नए सिलेबस में पहले मुगल बादशाह बाबर के बारे में लिखा है कि उसकी आत्मकथा उसे जिज्ञासु बताती है, लेकिन वह क्रूर और निर्दयी शासक था, जिसने लोगों का कत्लेआम किया। महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाया। कत्ल किए गए लोगों की 'खोपड़ियों की मीनारें' बनवाने में गर्व महसूस किया। 7वीं की पुरानी किताब में बाबर का जिक्र केवल इतना किया गया है कि उसे अपना पैतृक सिंहासन छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। उसने काबुल, दिल्ली और आगरा पर कब्जा कर लिया था। यह भी पढ़ें: CBSE या ICSE – स्कूल एजुकेशन के लिए कौन सा बोर्ड है बेहतर? 4. नए सिलेबस में अकबर के शासनकाल को क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण बताया गया है। जब अकबर ने चित्तौड़गढ़ के राजपूत किले पर हमला किया और करीब 30000 नागरिकों का नरसंहार किया तो अकबर ने विजय संदेश भेजा था कि हमारी सेना काफिरों के किलों और कस्बों पर कब्जा करने में सफल रही है। हमने वहां इस्लाम की स्थापना की है। हमने लोगों के दिल दिमाग से काफिरों के निशान मिटा दिए हैं। उन जगहों पर और पूरे हिंदुस्तान में मंदिरों को ध्वस्त कर दिया है। नए सिलेबस में यह भी बताया गया है कि बाद में अकबर ने विभिन्न धर्मों के प्रति सहिष्णुता दिखाते हुए प्रशासन के उच्च पदों पर गैर-मुसलमानों को अल्पसंख्यक बताते हुए नियुक्त किया। 5. नए सिलेबस में औरंगजेब के बारे में बताया गया है कि वह राजनीतिक नियमों के अनुसार राज करता था। मंदिरों को दिए गए अनुदानों और प्रदान की गई सुरक्षा का उदाहरण था। बेशक उसके फैसलों में राजनीतिज्ञ अहम भूमिका निभाते थे, लेकिन उसके फरमान व्यक्तिगत धार्मिक उद्देश्य को भी स्पष्ट करते हैं। उसने स्कूलों और मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया। बनारस, मथुरा, सोमनाथ, जैन मंदिरों और सिख गुरुद्वारों को नष्ट कर दिया।


Topics: