‘मर्द होता तो किसी अंग्रेज को मारता गोली…’ गांधी जयंती पर क्यों ट्रेंड हो रहा नाथूराम गोडसे?
Nathuram Godse Trending On Gandhi Jayanti 2 October
Nathuram Godse Trending On Gandhi Jayanti 2 October: आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर पूरे देश में जगह-जगह गांधी जी को याद किया जा रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे अमर रहे ट्रेंड कर रहा है। अब तक 3 हजार से ज्यादा पोस्ट एक्स पर पोस्ट की जा चुकी हैं। सोशल मीडिया यूजर आज गांधी जयंती के दिन नाथूराम गोडसे की फोटो लगाकर अपने विचार साझा कर रहे हैं। कुछ लोग तो इससे जुड़े मीम भी पोस्ट कर रहे हैं। वहीं नाथूराम गोडसे अमर रहे के ट्विटर पर ट्रेंड करने के बाद गोडसे के विचारों के खिलाफ पोस्ट कर रहे हैं। कुछ लोग लिख रहे हैं कि नाथूराम गोडसे जब तक सावरकर के संपर्क में नहीं आए तब तक वे गांधी को अपना आदर्श मानते थे लेकिन सावरकर के संपर्क में आने के बाद उन्होंने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी। गोडसे गांधी की हत्या के आरोप में जेल में बंद थे तब उन्होंने एक किताब लिखी थी मैंने गांधी को क्यों मारा? मगर इस किताब को प्रकाशन की अनुमति नहीं दी गई।
जानें कौन है नाथूराम गोडसे?
महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती गांव में 19 मई 1910 को नाथूराम गोडसे का जन्म हुआ। वे ब्राह्मण थे। बचपन में उनका नाम रामचंद्र था। हालांकि बाद में वे नाथूराम नाम से प्रचलन में आ गए और सभी उन्हें इसी नाम से बुलाने लगे।
मैंने गांधी को क्यों मारा?
महात्मा गांधी की मौत के बाद जब कोर्ट में नाथूराम के खिलाफ मुकदमा चला तो उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। मुकदमे की पैरवी के दौरान उन्होंने जेल में बंद रहते हुए 'मैंने गांधी को क्यों मारा' नामक पुस्तक भी लिखी। इसमें उन्होंने बताया कि वे किस कारण से महात्मा गांधी के विचारों के खिलाफ थे। उनकी इस किताब को उनकी फांसी के बाद उनके छोटे भाई गोपाल गोडसे ने प्रकाशित करवाया। अदालत ने एक साल तक सुनवाई के बाद नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुनाई। इसके बाद 15 नवंबर 1949 को अंबाला की सेंट्रल जेल में नाथूराम और नारायण आप्टे को फांसी दे दी गई।
युवावस्था में गांधी को अपना आदर्श मानते थे गोडसे
नाथूराम अपनी युवावस्था में महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते थे। उनके विचारों में गांधी के विचारों की गहरी छाप थी। मगर इसके बाद में वे वीर सावरकर के विचारों से प्रभावित हुए और महात्मा गांधी के वैचारिक दुश्मन बन गए। गोडसे और सावरकर आजादी के बाद हुए विभाजन और लाखों लोगों की मौत के लिए गांधी को जिम्मेदार मानते थे। इसी के चलते उन्होंने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.