Mumbai Ahmedabad Bullet Train: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा अपडेट आया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट लिखकर रेल मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि बुलेट ट्रेन के स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हालांकि अभी मंत्रालय की ओर से ट्रेन का उद्घाटन करने की अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कह चुके हैं कि ट्रेन शुरू होने के बाद लोग रोजाना मुंबई से अहमदाबाद और अहमदाबाद से मुंबई तक सफर कर सकेंगे।
6 घंटे का सफर 3 घंटे में होगा पूरा
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) भी कहते हैं। यह देश का पहला हाई-स्पीड कॉरिडोर है, जो जापान की शिंकनसन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। बुलेट ट्रेन मुंबई (महाराष्ट्र) को अहमदाबाद (गुजरात) से जोड़ेगी। बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 12 स्टेशनों को कवर करते हुए 3 घंटे में सफर पूरा करेगी, जबकि वर्तमान में मुंबई से अहमदाबाद जाने में 6 घंटे 45 मिनट का समय लगता है, लेकिन बुलेट ट्रेन से 3 घंटे का सफर कम हो जाएगा। गुजरात का 348 किलोमीटर, महाराष्ट्र का 156 किलोमीटर और केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली का 4 किलोमीटर मिलाकर कुल 508 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
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कुल कितने रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं?
बता दें कि प्रोजेक्ट के तहत 12 मेट्रो स्टेशन महाराष्ट्र और गुजरात में बने हैं। इनमें मुंबई, थाने, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद, साबरमती शामिल हैं। मुंबई में बना रेलवे स्टेशन अंडरग्राउंड होगा। कुल 508 किलोमीटर के रूट पर 465 किलोमीटर लंबा रूट वायाडक्ट होगा। 9.82 किलोमीटर रूट पुलों से, 5.22 किलोमीटर लंबा रूट पहाड़ी सुरंगों से और 21 किलोमीटर लंबा रूट अंडरग्राउंड स्टेशन से गुजरेगा, जिसमें से 7 किलोमीटर लंबा रूट क्रीक के नीचे होगा। क्रीक के नीचे भारत की पहली Under Sea रेल सुरंग बनी है। वहीं बुलेट ट्रेन से यात्रा में 3000 से 5000 हजार का खर्च आ सकता है।
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कब पूरा होगा प्रोजेक्ट और क्या है लागत?
बता दें कि साल 2026 में सूरत से बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर लंबे रूट पर ट्रायल रन शुरू हो सकते हैं। साल 2027 में वापी से साबरमती रूट शुरू होने की उम्मीद। साल 2028-29 में बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स (BKC) से साबरमती तक पूरी ट्रेन शुरू होने की उम्मीद है। पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ (लगभग 15 बिलियन डॉलर) है। जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (JICA) से प्रोजेक्ट के लिए 88087 करोड का लोन दिया है, जो 50 साल के लिए है और 0.1% ब्याज दर पर इसका भुगतान 15 साल बाद शुरू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 10000 करोड़, गुजरात सरकार ने 5000 करोड़ और महाराष्ट्र सरकार ने 5000 करोड़ इन्वेस्ट किए हैं।