पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। 7 मई को पूरे देश में यह मॉक ड्रिल आयोजित की जानी है। इसे लेकर तैयारियां चल रही हैं और पहले से ही अभ्यास किए जा रहे हैं। इसी बीच भाजपा ने अपने सभी सांसदों के लिए निर्देश जारी किए हैं।
भाजपा ने सांसदों को क्या दिया निर्देश?
भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने सभी सांसदों को मॉक ड्रिल के दौरान आम आदमी की तरह हिस्सा लेने का निर्देश दिया है। साथ ही पार्टी ने सभी चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी निर्देश दिया है कि वे मॉक ड्रिल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। पार्टी ने ऐसा इसलिए किया है कि यदि कोई सांसद अपने क्षेत्र में मौजूद नहीं है, तो दूसरे प्रतिनिधि आम लोगों के बीच अवश्य रहें।
क्यों हुई केंद्रीय गृह सचिव के साथ अधिकारियों की बैठक?
बता दें कि 7 मई को देश भर में होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक बैठक की। गृह मंत्रालय में हुई इस बैठक में डीजी सिविल डिफेंस और डीजी एनडीआरएफ समेत कई उच्च अधिकारी शामिल हुए। गृह मंत्रालय की बैठक के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा, "हम तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। जिन खामियों को दूर किया जाना है, उनकी पहचान कर ली गई है।"
मॉक ड्रिल के दौरान क्या-क्या होगा?
हवाई हमले के अलर्ट के समय सायरन बजाना।
हमले के समय नागरिकों, छात्रों आदि को स्वयं की सुरक्षा हेतु प्रशिक्षित करना।
हमले के दौरान ब्लैकआउट करना।
महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं को छिपाने की व्यवस्था करना।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाना और उसका अभ्यास करना।
मॉक ड्रिल होता क्या है?
मॉक ड्रिल एक तरह का अभ्यास होता है कि आपात स्थिति में कैसे निपटा जाए। अक्सर सुरक्षा बल आग लगने, प्राकृतिक आपदा (बाढ़, भूकंप आदि) या फिर आतंकवादी हमले से निपटने के लिए मॉक ड्रिल करते हैं। तमाम सुरक्षा एजेंसियां, पुलिस आदि समय-समय पर मॉक ड्रिल करते रहते हैं।