ओडिशा-तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश, बंगाल की खाड़ी से डरा ‘देश’ ! किस राज्य पर क्या होगा असर, जानें क्या कहता है मौसम विभाग
Michaung Cyclone IMD Update:बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘मिचांग’ सक्रिय हो गया है, जो देश के पूर्वी तट से टकरा सकता है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात ‘मिचांग’ उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है और इसके चार दिसंबर की शाम को उत्तरी तमिल नाडु और दक्षिणी आंध्र तटों पर पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग के अधिकारी के अधिकारी की माने तो 5 दिसंबर की दोपहर के दौरान नेल्लोर-मछलीपट्टनम के बीच चक्रवात 80-90 किमी प्रति घंटे की गति के साथ दक्षिण आंध्र प्रदेश को पार करेगा। इस दौरान 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
चक्रवात मिचांग का असर महाराष्ट्र में भी देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग की माने तो चक्रवात की वजह से महाराष्ट्र कई जिलों में भारी बारिश और ओला वृष्टि हो सकती है, जो किसानों के लिए संकट पैदा कर सकता है। इसके कारण प्रदेश के उत्तरी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोकण समेत विदर्भ में दो-तीन दिनों तक फिर से जोरदार बारिश हो सकती है।
एक बार फिर खतरे का अलार्म बजा है। समंदर में ऊंची ऊंची उठती लहरें लोगों को डरा रही हैं। तूफान की आहट ने एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है...हिंदुस्तान की पूर्वी तट पूरी तरह से इस तूफान के ताकतवर कहर को झेलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं... कुछ इलाकों में सड़कों पर ऐसा सैलाब दिखा, जिसमें कारें तक तैरती नजर आईं।
ओडिशा में हालात खराब
मिचौंग तूफान के राज्यवार असर की बात करें तो ओडिशा में इसके गंभीर चक्रवाती तूफानी में बदलने की संभावना बताई गई है... इसकी वजह से राज्य के कुछ हिस्सों में
मध्यम बारिश हुई... भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ओडिशा के पांच दक्षिणी जिले मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, गजपति और गंजम जिलों को अलर्ट पर रखा है।
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आंध्र प्रदेश भी बदहाल
इसी तरह आंध्र प्रदेश में भी इस मिचौंग तूफान के पहुंचने का अनुमान जाहिर किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, ये तूफान आंध्र प्रदेश के नेल्लोर और मछलीपट्टनम तट के बीच लैंडफॉल करेगा... उस समय तूफान की स्पीड 80-90 किमी प्रति घंटे होगी... ये 100 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 3 से 5 दिसंबर तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। साइक्लोन को देखतेहुए साउथ सेंट्रल रेलवे ने कई सारी ट्रेन कैंसिल कर दी है...कहते हैं कुदरत के आगे किसी की नहीं चलती...फिर भी तूफान को लेकर प्रशासन ने कमर कसी हुई है...
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हजारों पेड़ गिरे
मिचौंग पर निगरानी के लिए... देश के अलग अलग राज्यों में लगे वॉर्निंग सिस्टम से निगरानी की जा रही है... ACWC यानी कि एरिया साइक्लोन वार्निंग सिस्टम... और CWC यानी कि साइक्लोन वार्निंग सिस्टम से तूफान पर पल पल निगरानी रखी जा रही है... उसकी हर हरकत पर पैनी नजर रखी जा रही है... देश के अलग अलग 7 राज्यों में ये निगरानी सिस्टम एक्टिव हैं.... हालात ये हैं कि मिचौंग तूफान की वजह से 100 किमी. की रफ्तार से भी ज्यादा रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं...जगह जगह पेड़ गिर रहे हैं...बताया जा रहा है कि तूफान की चपेट में आकर हजारों पेड़ गिर चुके हैं तो वहीं समंदर में 5 फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं। मिचौंग ने दस्तक तो दे दी है...लेकिन अब समय है सावधान रहने की...खुद को और अपनों को सुरक्षित रखने की...तूफान आया है तो चला भी जाएगा...लेकिन तबाही कितनी मचाएगा....ये तो अगली सुबह के साथ ही पता चलेगा...
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