आसिफ सुहाफ, श्रीनगर
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक होकर देशवासियों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते जो निर्दोष लोगों की जान जा रही है, वह बहुत दुखद है। श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए वह उस वक्त रो पड़ीं जब उन्होंने मासूम बच्चों की मौत का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “सरहदों पर हो रही मौतें बहुत दुखद हैं। उन मासूम बच्चों का क्या कसूर है जो इन झगड़ों में मारे जा रहे हैं?”
भारत-पाक से शांति और संयम की अपील
महबूबा मुफ्ती ने दोनों देशों से अपील की कि वे तुरंत संयम बरतें और किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें। उन्होंने कहा कि हालात को संभालने के लिए समझदारी की जरूरत है। उन्होंने कहा “इस समय सबसे जरूरी है कि दोनों पक्ष शांति और बातचीत का रास्ता अपनाएं। अगर हालात नहीं संभाले गए, तो इसका असर केवल जम्मू-कश्मीर या भारत-पाकिस्तान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है”।
कश्मीर के बच्चों और आम लोगों पर चिंता
महबूबा ने यह भी कहा कि कश्मीर के लोग लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं। उन्होंने खासतौर पर पुलवामा और पहलगाम जैसे इलाकों में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। उनका कहना था कि ये घटनाएं न सिर्फ स्थानीय लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रही हैं, बल्कि इसका असर बच्चों के भविष्य पर भी पड़ रहा है। उन्होंने सवाल किया “हमारे बच्चे डर और खौफ में पल रहे हैं। क्या हम यही दुनिया उनके लिए छोड़ना चाहते हैं?”
दुनिया से गंभीरता और शांति की पहल की मांग
अंत में महबूबा मुफ्ती ने सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और एक सकारात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि अगर अभी कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा “यह वक्त है शांति की राह चुनने का, न कि एक-दूसरे को नीचा दिखाने का”। उनकी यह भावुक अपील अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है, जिसमें लोग उनकी बातों का समर्थन कर रहे हैं।