मराठा आरक्षण के समर्थन में महाराष्ट्र की 32 पार्टियां, CM शिंदे बोले- अब बदनाम हो रहा आंदोलन, जारांगे खत्म करें अनशन
Maratha reservation Protest
Maratha reservation Protest Update: आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में मराठा समुदाय आंदोलन कर रहा है। अब तक 26 लोग सुसाइड कर चुके हैं। कई जगह आगजनी हुई। आखिरकार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक मुंबई में हुई। इस दौरान सभी दलों ने आरक्षण पर सहमति जताई। सुबह 10 बजे से शुरू हुई इस बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए। करीब तीन घंटे चली मीटिंग के बाद शिंदे बाहर आए और मीडिया से बात की। जिसमें उन्होंने सर्वदलीय बैठक में सभी इस बात पर सभी सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए। यह निर्णय लिया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में होना चाहिए। अन्य समुदाय के साथ अन्याय भी नहीं होना चाहिए।
शिंदे ने कहा कि मैं मनोज जारांगे पाटिल से निवेदन करता हूं कि सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें। क्योंकि यह विरोध नई दिशा लेने लगा है। आंदोलन बदनाम होने लगा है। आम लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने और सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।
बैठक में ये नेता हुए शामिल
यह बैठक सहयाद्रि गेस्ट हाउस में हुई। जिसमें राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, चंद्रकांतदादा पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, गिरीश महाजन, दादाजी भुसे शामिल रहे। उनके अलावा विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और अपने-अपने दलों के कई नेता सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए।
इससे पहले मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को सर्वदलीय बैठक का निमंत्रण नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों के एक भी विधायक नहीं हैं, उन्हें आमंत्रित किया गया। वहीं, जिनके16 विधायक और 6 सांसद हैं, उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया।
एक हफ्ते से अनशन पर मनोज
आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे एक सप्ताह से अधिक समय से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा समाधान का आश्वासन दिए जाने के बाद मंगलवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने पानी पीना शुरू करने का फैसला किया था। हालांकि जारांगे-पाटिल ने भोजन खाने से इनकार करते हुए अपना आंदोलन जारी रखा है।
पाटिल का कहना है कि अगर राज्य सरकार मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देकर उन्हें ओबीसी श्रेणी में रखने में विफल रहती है तो वह दो और दिनों तक पानी पीते रहेंगे, लेकिन अपनी पूरी भूख हड़ताल जारी रखेंगे। कार्यकर्ता ने यह भी मांग की कि सरकार मराठा आरक्षण की मांग पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र बुलाए।
यह भी पढ़ें: मराठा आरक्षण आंदोलनः एक दिन में 9 लोगों ने की आत्महत्या, अब तक 26 सुसाइड, सरकार ला सकती है अध्यादेश
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.