दोनों पीड़ित महिलाओं की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह साफ है कि पुलिस उन लोगों के साथ मिलकर काम कर रही थी जिन्होंने दोनों महिलाओं के खिलाफ हिंसा की। उन्होंने जारी रखा कि पुलिस ने इन महिलाओं को भीड़ के पास ले जाकर छोड़ दिया और भीड़ ने वहीं किया जो उन्होंने किया। इसलिए कपिल सिब्बल ने बताया कि वे सीबीआई जांच और मामले को असम से बाहर ले जाने के खिलाफ हैं।
सरकार की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने कभी भी मुकदमे को असम से बाहर ले जाने की याचिका नहीं की। वह बताए गए मामले को मणिपुर से बाहर भेजने की मांग करते हैं।