Manipur Violence: ‘बनेगा न्यायिक आयोग, CBI भी करेगी जांच…’, इंफाल में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया ‘शांति प्लान’
Union Minister Amit Shah
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बाद शांति बहाली को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को तीन अहम ऐलान किए। इंफाल में अमित शाह ने कहा कि दो दिनों में मैंने मणिपुर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल और आहत लोगों से मिलने का प्रयास किया है। अधिकारियों के साथ भी बैठक की हैं। भारत सरकार हिंसा, हिंसा के कारण और हिंसा में किसकी जिम्मेदारी है, इन सभी चीजों की जांच के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस स्तर के रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित करेगी।
इसके अलावा मणिपुर में हिंसा के जितने भी मामले दर्ज किए गए हैं इनमें से 5 मामले चयनित किए गए हैं और एक मामला हिंसा के षड्यंत्र का दर्ज़ करके इन 6 मामलों की जांच CBI करेगी। निष्पक्ष जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर के राज्यपाल नागरिक समाज के सदस्यों के साथ एक शांति समिति का नेतृत्व करेंगे।
हाईकोर्ट के फैसले हुआ जातीय संघर्ष
अमित शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाज फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो ग्रुप के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई। पिछले 6 वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था। मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की। पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिन नागरिकों की हमल की हिंसा में मृत्यु हुई है उनके परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं।
हथियार मिले तो होगी सख्त कार्रवाई
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य में हिंसा प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान कल से शुरू होगा। शाह ने कहा कि एसओओ समझौते (सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास हथियार मिले तो सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने लोगों को अफवाहों से भी सचेत किया है।
दो अन्य बड़े ऐलान
- छात्रों को शिक्षा निर्बाध रूप से मिलेगी। ऑनलाइन क्लास और एग्जाम योजना के अनुसार आयोजित होंगे।
- हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को केंद्र सरकार 5 लाख रुपये और मणिपुर सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
3 मई को भड़की थी हिंसा
दरअसल, मणिपुर में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) द्वारा मेइतेई/मीतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान हिंसा हुई थी। 19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था।
यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi In US: मैं पहला शख्स जिसे अवमानना के लिए इतनी बड़ी सजा मिली, अमेरिका में बोले राहुल गांधी, बीजेपी ने दिया जवाब
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.