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Manipur: दो महीने बाद खुला NH-2, सरकार की पहल के बाद लिया फैसला

नई दिल्ली: मणिपुर में पिछले 60 दिनों से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस बीच सरकार की पहल के बाद दो प्रमुख उग्रवादी संगठनों ने नेशनल हाइवे-2 खाली कर दिया। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) दो प्रमुख कुकी संगठन हाइवे से हट गए हैं। […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Jul 2, 2023 21:54
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Manipur Violence

नई दिल्ली: मणिपुर में पिछले 60 दिनों से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस बीच सरकार की पहल के बाद दो प्रमुख उग्रवादी संगठनों ने नेशनल हाइवे-2 खाली कर दिया। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) दो प्रमुख कुकी संगठन हाइवे से हट गए हैं। सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले दोनों संगठनों ने संयुक्त बयान में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बाद राजमार्ग पर नाकाबंदी तत्काल प्रभाव से हटा दी गई है। संगठनों ने कहा कि गृह मंत्री ने राज्य में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए गहरी चिंता दिखाई है।

3 मई को हाइवे किया था अवरुद्ध

हालांकि, कुकी नागरिक समाज समूह कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (COTU) ने अभी तक आधिकारिक तौर पर आंदोलन वापस नहीं लिया है। इसने दो महीने पहले NH-2 पर सड़क जाम करने की घोषणा की थी। मणिपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्ग NH-2 (इम्फाल-दीमापुर) और NH-37 (इम्फाल-जिरीबाम) हैं। 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से कुकी संगठनों ने एनएच-2 को अवरुद्ध कर दिया था। जबकि मई के अंत में शाह की यात्रा के बाद इसे अस्थायी रूप से खोल दिया गया था। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नाकाबंदी हटाने का निर्णय असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ यूपीएफ, केएनओ और अन्य कुकी समूहों की हाल ही में गुवाहाटी में हुई बैठक के बाद लिया गया है। वहीं संयुक्त बयान में कहा गया, “यह निर्णय नागरिक समाज संगठनों, ग्राम प्रधानों और महिला नेताओं के साथ कई मौकों पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया।”

100 से ज्यादा लोगों की चली गई जान

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी नागा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं। कुकी संगठन ने पहले गृह मंत्री से मुलाकात कर सीमावर्ती और तलहटी क्षेत्रों के संवेदनशील गांवों में सुरक्षा प्रदान करने की अपील की थी। यूपीएफ और केएनओ ने कहा- हम इस बात की सराहना करते हैं कि इनमें से अधिकांश क्षेत्रों में केंद्रीय बलों को आश्वासन के अनुसार तैनात किया गया है और इसकी प्रक्रिया जारी है।

बयान में कहा गया है कि एक बार सभी संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती पूरी हो जाने के बाद कुकी समूह शांति बहाल करने में मदद करने के लिए अपने स्वयंसेवकों को उन स्थानों से वापस ले लेंगे। हम इस अवसर पर मणिपुर राज्य के सभी शांतिप्रिय संगठनों और नागरिकों से अपील करते हैं कि वे राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव की दिशा में कदम उठाएं।

First published on: Jul 02, 2023 09:54 PM

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