Manipur Violence: मणिपुर में फैली हिंसा ने पड़ोसी राज्य मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों को भी परेशान में डाल दिया है। उन्हें जान की सुरक्षा के लिए यहां से अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालांकि मणिपुर सरकार ने आइजोल-इंफाल और आइजोल-सिलचर के बीच हवाई मार्ग से मिजोरम के मैतेई लोगों को निकालने की योजना बनाई है।
मणिपुर सरकार ने बनाई योजना
जानकारी के मुताबिक, मणिपुर सरकार ने मिजोरम के एक उग्रवादी समूह की ओर से हाल ही में घोषणा के बाद ये कदम उठाने का फैसला लिया है। बता दें कि मैतेई मणिपुर की उन जनजातियों में से एक है, जो इस साल मई से चल रहे जातीय ‘युद्ध’ में लगी हुई है।
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PAMRA (पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन) ने एक बयान जारी कर मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को नग्न करके घुमाने और यौन हिंसा की घटना के बाद आक्रोशित होकर ये ऐलान किया है। इसमें कहा गया है कि मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा खुद करें। साथ ही उनसे राज्य को छोड़ने के लिए कहा गया है।
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मिजोरम में इस जगहों की सुरक्षा बढ़ाई
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मैतेई समुदाय के 69 लोग पहले ही मिजोरम के आइजोल शहर को छोड़ चुके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिजोरम पुलिस ने आइजोल शहर में मैतेई लोगों की सुरक्षा बढ़ा दी है। मिजोरम विश्वविद्यालय (तन्ह्रिल), रिपंस, जेमाबाक और जेडएमसी, फाल्कन, वेटी कॉलेज, सेलेसिह में भी सुरक्षा बढ़ा दी है।
मीडिया रिपोर्ट में एक छात्र ने कहा गया है कि मणिपुर सरकार की ओर से हवाई मार्ग से हमें निकालने की बात कही है, लेकिन निकासी कब से होगी, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।
कपिल सिब्बल ने की सुरक्षा की मांग
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी राज्य सरकार पर कटाक्ष किया है। साथ ही सलाह दी है कि सरकार को प्रतिक्रियाशील होने के बजाय ज्यादा सक्रिय होना चाहिए। सांसद ने एक ट्विटर पोस्ट के माध्यम से कहा कि अन्य राज्यों का हवाला देकर बहस को गंदा करने से मदद नहीं मिलेगी।
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(Xanax)