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Manipur के कुकी ग्रुप का मोदी सरकार को 14 दिन का अल्टीमेटम, कहा- हिंसा की जांच कराओ, नहीं तो…

Manipur Violence Kuki Group: कुकी ग्रुप ने अब मणिपुर में हिंसा की जांच CBI से कराने की मांग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिख दिया है। साथ ही एक अल्टीमेटम भी दिया है।

Manipur Violence (File)
Manipur Tribal Body Threatens Modi Government: मणिपुर में हिंसा की जांच की मांग जोर पकड़ती जा रही है। राज्य के कुकी ग्रुप ने अब हिंसा की जांच CBI से कराने की मांग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिख दिया है। इस लेटर में इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने लिखा कि कुकी और मैतई समुदायों के बीच हुई हिंसा की जांच CBI से ही कराई जानी चाहिए, तभी आरोपियों के चेहरे बेनकाब होंगे, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ। अगर आने वाले 2 हफ्तों में हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो हम स्वशासन स्थापित करेंगे, चाहे कुछ भी करना पड़े। फिर चाहे केंद्र सरकार हमारे स्वशासन को मान्यता दे या नहीं दे। अब तो हम खुद पर खुद राज करेंगे।  

अमित शाह से जातीय संघर्ष का समाधान करने की अपील

बता दें कि मणिपुर की पहाड़ियों में कुकी और आदिवासियों द्वारा हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी कुकी टोरुबुंग क्षेत्र के पास मार्च कर रहे हैं। ITLF ने मणिपुर के लमका जिले में कुकी और आदिवासियों पर अत्याचार के खिलाफ एक सामूहिक रैली निकाली। इस रैली में जिले के हर कोने से आए लोगों ने हिस्सा लिया। कावनपुई पब्लिक ग्राउंड, मुलवाइफेई पब्लिक ग्राउंड और पियर्सोमुन पब्लिक ग्राउंड से DC ऑफिस के पास तुइबुओंग पीस ग्राउंड तक मार्च किया। राज्य सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। इस दौरान इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने धमकी दी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर कहा गया कि आप दोनों समुदायों कुकी और मैतेई के बीच चल रहे जातीय संघर्ष का समाधान निकालें।

मणिपुर सरकार की स्थायी आवास योजना की घोषणा

बता दें कि मणिपुर सरकार ने 3 मई को हुई हिंसा से पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने उन विस्थापित परिवारों के लिए एक स्थायी आवास योजना की घोषणा की है, जिनके घर ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) के जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद भड़की हिंसा में हुई आगजनी में जलकर राख हो गए या क्षतिग्रस्त हुए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा में मणिपुर की घाटी और पहाड़ी इलाकों में करीब 4,800 से 5,000 घरों को नुकसान पहुंचा था। योजना के तहत, उन प्रभावित परिवारों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिनके पक्के घर जल गए या क्षतिग्रस्त हो गए। उन परिवारों को 7 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिनके अर्ध-स्थायी घर जल गए या क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 5 लाख रुपये उन प्रभावित परिवारों को दिए जाएंगे, जिनके कच्चे (अस्थायी) घर दंगों में जला दिए गए या क्षतिग्रस्त हो गए। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त या जले हुए घरों की मरम्मत के लिए पैकेज राशि का 50 प्रतिशत (पक्के/अर्ध-पक्के/कच्चे ढांचे के अनुसार) या मरम्मत के लिए दिए जाएंगे।


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