Manipur Violence: भारतीय सेना बोली- स्थिति नियंत्रण में, चुराचांदपुर समेत अन्य इलाकों में फ्लैग मार्च जारी
Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा को लेकर भारतीय सेना ने शुक्रवार को कहा कि इलाके में स्थिति नियंत्रण में है। चुराचांदपुर समेत अन्य हिंसाग्रस्त इलाके में फ्लैग मार्च जारी है। सेना ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों से सभी समुदायों के नागरिकों को निकालने का काम रात भर जारी रहा और चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया गया।
इससे पहले, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पूर्वोत्तर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया है। भारतीय सेना ने भी नागरिकों से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों की सामग्री पर भरोसा करने का आग्रह किया। यह भारतीय सेना द्वारा मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पर कई नकली वीडियो प्रसारित होने के बारे में आगाह करने के बाद आया है।
SpearCorps.IndianArmy ने ट्वीट किया, "असम राइफल्स पोस्ट पर हमले के वीडियो सहित मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पर नकली वीडियो को शत्रुतापूर्ण तत्वों की ओर से प्रसारित किया जा रहा है। भारतीय सेना सभी से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों के माध्यम से सामग्री पर भरोसा करने का अनुरोध करती है।"
इससे पहले 4 मई को राज्य में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। मणिपुर सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि युवाओं और विभिन्न समुदायों के स्वयंसेवकों के बीच लड़ाई की घटनाओं के बीच मणिपुर में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने VC के जरिए की मीटिंग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो बैठकें कीं और पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा को लेकर मणिपुर और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की।
शाह ने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की। बता दें कि 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) की ओर से बुलाए गए 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क गई थी। दरअसल, इंफाल घाटी में दबदबा रखने वाले मेईती समुदाय के लोगों की ओर से उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है, जिसके विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च का आह्वान किया गया था।
मणिपुर सरकार ने उठाया ये कदम
मणिपुर के कई जिलों में जनजातीय समूहों की ओर से रैलियां निकालने के बाद बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है। बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध के साथ-साथ राज्य के कई जिलों में रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है।
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