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मणिपुर पुलिस ने यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किए 6 आरोपी, संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी जारी

नई दिल्ली: मणिपुर पुलिस ने शनिवार को वायरल वीडियो के सामने आने के बाद यौन उत्पीड़न मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया। वीडियो में दो महिलाओं को नग्न घुमाते और उनका यौन उत्पीड़न करते दिखाया गया था। पुलिस ने बताया कि 4 मई 2023 को हुई इस घटना में अब तक कुल छह […]

नई दिल्ली: मणिपुर पुलिस ने शनिवार को वायरल वीडियो के सामने आने के बाद यौन उत्पीड़न मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया। वीडियो में दो महिलाओं को नग्न घुमाते और उनका यौन उत्पीड़न करते दिखाया गया था। पुलिस ने बताया कि 4 मई 2023 को हुई इस घटना में अब तक कुल छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

पांच मुख्य आरोपी और एक किशोर सहित छह गिरफ्तार

इस संबंध में मणिपुर पुलिस के आधिकारिक मीडिया हैंडल ने ट्विटर पर कहा- "एक किशोर सहित छह गिरफ्तार किए गए। 4 मई 2023 को दो महिलाओं के वायरल वीडियो के संबंध में एक और आरोपी को आज गिरफ्तार किया गया। मामले में अब तक पांच मुख्य आरोपी और एक किशोर सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।"

पुलिस की छापेमारी जारी 

पुलिस ने कहा कि वह कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर बाकी अपराधियों को गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है। 20 जुलाई को पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और बाद में सभी को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। वीडियो सामने आने के कुछ घंटों बाद मामले में पहली गिरफ्तारी गुरुवार तड़के की गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार घटना 4 मई को मणिपुर के थौबल जिले में हुई। मामले में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया था।

अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज

पुलिस अधीक्षक मेघचंद्र सिंह ने एक बयान में कहा- "4 मई 2023 को अज्ञात सशस्त्र बदमाशों द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वीडियो के संबंध में नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन (थौबल जिला) में अज्ञात सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया था।"

इस आदेश के बाद भड़की हिंसा 

उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कुकी समुदाय का विरोध शुरू हुआ था। इसके बाद हिंसा की घटनाएं सामने आने लगीं। विरोध प्रदर्शन के बाद मणिपुर में 3 मई से हिंसा देखी जा रही है। न्यायालय ने अपने आदेश में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने पर विचार करने के लिए कहा है। इससे मैतेई को पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीदने का अधिकार मिल सकता है। फिलहाल गैर-आदिवासी पहाड़ी इलाकों में जमीन नहीं खरीद सकते।

मैतेई आबादी लगभग 53 प्रतिशत

इंफाल घाटी और आसपास के इलाकों पर बसे बहुसंख्यक मैतेई समुदाय ने अपनी बढ़ती आबादी और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एसटी का दर्जा मांगा था, ताकि वे पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीद सकें। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जबकि नागा और कुकी 40 प्रतिशत हैं और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं। तीन मई के बाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों से आगजनी, लूट, हिंसा और भीड़ जमा होने की कई घटनाएं सामने आई हैं।

एन बीरेन सिंह ने इस्तीफे का सवाल टाला

इससे पहले शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पद छोड़ने की मांग पर पूछे गए सवाल को यह कहते हुए टाल दिया कि उनका काम राज्य में शांति बहाल करना है और यह सुनिश्चित करना है कि वायरल वीडियो में कथित घटना के अपराधियों को सजा दी जाए। इस मुद्दे पर संसद में विपक्ष के जोरदार विरोध प्रदर्शन पर सिंह ने कहा कि मणिपुर के लोग सभी महिलाओं का उसी तरह सम्मान करते हैं जैसे वे अपनी माताओं और बहनों का सम्मान करते हैं।


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