‘मणिपुर में हो सर्जिकल स्ट्राइक…’, BJP के सहयोगी नेता ने क्यों की ऐसी डिमांड?
NPP leader M Rameshwar Singh
Manipur Violence: मणिपुर में चार महीने से हिंसा की आग सुलग रही है। केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशें विफल हो रही हैं। इस बीच बीजेपी की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के नेता एम रामेश्वर सिंह ने कहा कि मणिपुर में अवैध प्रवासियों और उग्रवादियों की समस्या को हमेशा के लिए हल करने के लिए 'सर्जिकल स्ट्राइक' जैसी प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए। एनपीपी मणिपुर में भाजपा की सहयोगी है, जहां जातीय संघर्ष में 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
हिंसा में बाहरी लोग शामिल
एम रामेश्वर सिंह ने कहा कि गृह मंत्री के बयानों से यह स्पष्ट है कि कुछ अवैध कुकी उग्रवादी, अप्रवासी सीमा पार से आ रहे हैं। मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि इसमें बाहरी आक्रमणकारी शामिल हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता किया गया है।
एम.रामेश्वर सिंह ने कहा कि न केवल मणिपुर बल्कि पूरे देश को बचाना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। समस्या को हमेशा के लिए हल करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कोई प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए।
कुकी उग्रवादी अभी भी शिविरों में बैठे
एनपीपी नेता ने कहा कि मैंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया था कि कुछ एजेंसियां यह कहते हुए एक कहानी बनाने की कोशिश कर रही हैं कि सभी कुकी उग्रवादी अभी शिविरों में हैं और सभी हथियार उनके पास हैं। इस तरह की कहानी गढ़ने से मणिपुर के लोगों को संदेह हो रहा है। आग कहां से आ रही है? दूसरी तरफ से कौन गोली चला रहा है?
अप्रवासियों का जुटाया जा रहा बायोमेट्रिक डेटा
जुलाई माह से मणिपुर सरकार ने राज्य में रहने वाले म्यांमार के अवैध अप्रवासियों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया था। मणिपुर सरकार ने जुलाई में कुछ ही दिनों के भीतर 700 अवैध अप्रवासियों के राज्य में प्रवेश करने की खबरों पर चिंता व्यक्त की थी।
गृह विभाग के बयान के अनुसार, 22 और 23 जुलाई को 301 बच्चों सहित 718 अवैध अप्रवासी मणिपुर के चंदेल जिले में घुस आए, उस अवधि के दौरान जब मणिपुर में हिंसा भड़की हुई थी।
तीन मई से हिंसा जारी
मणिपुर में हाईकोर्ट के आदेश पर मैतेई समुदाय को आरक्षण दिया गया। कुकी समुदाय इसका विरोध कर रहा है। तीन मई को कुकी समुदाय ने विरोध मार्च निकाला था। इसी दौरान हिंसा भड़की थी। अब तक 150 से अधिक लोग मारे गए हैं। 3500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से अधिक लोग शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं। तमाम लोग राज्य से पलायन कर गए हैं।
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