Bombay High Court Verdict In Maintenance Case: मुस्लिम महिला तलाक लेने के बाद अगर दूसरी शादी कर लेती है, तब भी वह गुजारे भत्ते की हकदार है या नहीं, इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट का एक फैसला आया है, जिससे देशभर की कई मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मुस्लिम महिलाएं तलाक लेने के बाद भी गुजारा-भत्ता पाने की हकदार है। मुस्लिम वूमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइटस ऑन डायवोर्स) एक्ट 1986 (MWPA) के आधार पर फैसला सुनाया। यह कानून मुस्लिम महिलाओं के उनके हक दिलाने के लिए ही बनाया गया है। इसी कानून के तहत हाई कोर्ट ने फैसला दिया कि मुस्लिम महिला दूसरी शादी करने के बाद पहले पति से गुजारा भत्ता लेने का अधिकारी रखती है। साथ ही आदेश के खिलाफ दायर की गई पति की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
जानिए क्या है गुजारे भत्ते का केस?
जस्टिस राजेश पाटिल की पीठ ने फैसला सुनाया है। एक शख्स ने मजिस्ट्रेट और सेशन कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका का निपटारा करते हुए पीठ ने कहा कि MWPA एक्ट की धारा 3(1A) कहता है कि मुस्लमि महिला तलाक लेने के बाद दूसरी शादी करने के बावजूद पहले पति से गुजारा भत्ता लेने की हकदार है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि उसे इस हक से वंचित किया जा सके। याचिका ने शख्स ने बताया कि उसकी शादी 9 फरवरी 2005 को हुई थी। उसकी एक बेटी भी है। वह नौकरी के लिए दुबई गया था, लेकिन ससुरालियों से परेशान होकर उसकी पत्नी 2007 में मायके चली गई। अप्रैल 2008 में उसने पोस्ट के जरिए उसे तलाक के कागज भेजे, जिस पर उसने भी साइन कर दिए, लेकिन उसने CRPC की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ते के लिए अर्जी दी।
2 कोर्ट के बाद हाई कोर्ट पहुंचा पति
याचिका में बताया गया कि गुजारे भत्ते की याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने वकील के जरिए MWPA के प्रावधानों का हवाला देते हुए याचिका दायर की। इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पीड़िता के पहले पति को उसे और बेटी को 4 लाख रुपये देने का आदेश सुनाया। इस आदेश के खिलाफ शख्स ने सेशन कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन वहां भी महिला के हक में फैसला सुनाया गया, लेकिन भत्ते की रकम बढ़ाकर 4 से 9 लाख रुपये कर दी गई। इस फैसले के खिलाफ शख्स ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां भी उसे राहत नहीं मिली और महिला के हक में ही फैसला सुनाया गया, जिससे कई और मुस्लिम महिलाओं को भी फायदा होगा।
यह भी पढ़ें: Video: ‘बेहोश नहीं किया, 16 इंजेक्शन लगाए’; डॉक्टरों ने बताया कैसे 5 साल की बच्ची के ब्रेन से निकाला ट्यूमर?यह भी पढ़ें: चमत्कार कहें या किस्मत! जापान में भूकंप के 145 घंटे बाद मलबे से जिंदा मिली 90 साल की बुजुर्ग