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Mahua Moitra Cash-for-query case: सांसदी रद्द होने के बाद TMC नेता महुआ मोइत्रा पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट

Mahua Moitra reaches Supreme Court against expulsion Lok Sabha: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा से निष्कासित किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं हैं। बता दें कि महुआ मोइत्रा को एथिक्स पैनल ने पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने का दोषी पाया था।

Mahua Moitra reaches Supreme Court against expulsion Lok Sabha: तृणमूल कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी के आरोप में लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि मोइत्रा को पिछले हफ्ते संसद से बाहर कर दिया गया था, जब लोकसभा की आचार समिति ने उन्हें करोबारी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने संसदीय पोर्टल की लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी पाया था।

एथिक्स पैनल ने की थी निष्कासन की सिफारिश

शुक्रवार को महुआ मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स पैनल के पास उन्हें निष्कासित करने की शक्ति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कारोबारी से नकदी स्वीकार करने का कोई सबूत नहीं है, जो कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उनके पूर्व साथी जय अनंत देहाद्राई ने आरोप लगाया था। एथिक्स पैनल ने नवंबर में उनके साथ एक हंगामेदार बैठक के तुरंत बाद उनके निष्कासन की सिफारिश की थी, जिसमें उन्होंने पैनल के प्रमुख पर उनसे अनुचित सवाल पूछने का आरोप लगाया था। पैनल की रिपोर्ट 8 दिसंबर को लोकसभा में पेश की गई थी, पैनल ने हीरानंदानी के हलफनामे के आधार पर उनके निष्कासन की सिफारिश की थी, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अडानी समूह पर निशाना साधने वाले सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली थी। इसके जवाब में मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने पोर्टल पर अपने प्रश्न टाइप करने के लिए अपने कर्मचारियों से मदद लेने के लिए उन्हें लॉगिन पासवर्ड प्रदान किए थे। ये भी पढ़ें: Explainer: जानिए क्या है Cash For Query मामला, लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा के पास अब क्या विकल्प… ये भी पढ़ें: करोड़ों की नौकरी ठुकराई, एक गलती से लोकसभा सदस्यता गंवाई, कौन हैं Mahua Moitra?

महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर साधा निशाना

लोकसभा से निष्कासित किए जाने पर महुआ मोइत्रा ने कहा था कि वह अगले 30 वर्षों तक लड़ना जारी रखेंगीं। साथ ही उन्होंने बीजेपी सांसद द्वारा दानिश अली को अपमानित किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि रमेश बिदुरी संसद में खड़े होते हैं और कुछ मुस्लिम सांसदों में से एक दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। भाजपा ने 303 सांसदों को भेजा है, लेकिन एक भी मुस्लिम सांसद को संसद में नहीं भेजा है। बिदुरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि आप मुस्लिमों को गाली देते हैं, अल्पसंख्यकों से नफरत करते हैं, आप महिलाओं से नफरत करते हैं, आप नारी शक्ति से नफरत करते हैं।


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