महाराष्ट्र सरकार में खेल मंत्री के पद से एनसीपी (अजित पवार गुट) के दिग्गज नेता माणिकराव कोकाटे ने इस्तीफा दे दिया है. कोकाटे ने उनके खिलाफ और उनके भाई के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद इस्तीफा दिया है. इस्तीफे की जानकारी महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है. उन्होंने इस्तीफे की कॉपी शेयर करते हुए लिखा है कि हमारी पार्टी के लिए कानून का राज सबसे ऊपर है. इसके साथ ही कोकाटे को गिरफ्तार करने के लिए नाशिक पुलिस मुंबई रवाना हो चुकी है.
क्या बोले अजित पवार?
डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस्तीफे की कॉपी शेयर करते हुए लिखा है, 'महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और मेरी पार्टी के सहयोगी माणिकराव कोकाटे ने माननीय कोर्ट के फैसले के बाद मुझे अपना इस्तीफा सौंप दिया है. हमारी पार्टी की पुरानी सोच के मुताबिक, कानून का राज सबसे ऊपर है और सभी व्यक्तियों से बड़ा है, इसलिए इस्तीफे को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है. मैंने संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार, कोकाटे का इस्तीफा मुख्यमंत्री को आगे की कार्रवाई और स्वीकृति के लिए भेज दिया है.'
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साथ ही उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी हमेशा से मानती है कि सार्वजनिक जीवन संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत ईमानदारी और न्यायपालिका के सम्मान से चलना चाहिए. हम कानून के राज के साथ मजबूती से खड़े हैं और ऐसे ही काम करते रहेंगे जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के भरोसे को बनाए रखा जा सके.'
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BJP ने क्या बोला?
भाजपा महाराष्ट्र के मुख्य प्रवक्ता नवनाथ बन ने कहा, 'माणिकराव कोकाटे का विभाग उनसे बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने छीन लिया था. आने वाले समय में माणिकराव कोकाटे पर जरूरी कार्रवाई होते हुए देखेंगे. किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. यह देवेंद्र फडणवीस की सरकार है. जब कोर्ट ने कोकाटे को सजा सुनाई, हमने बिना देरी किए उनसे उनका मंत्रालय लेकर अजित पवार को सौंप दिया है. हम किसी भी कार्रवाई से भाग नहीं रहे हैं. जब कोर्ट के फाइनल ऑर्डर की कॉपी आ जाएगी, तब विधानसभा के स्पीकर उनके खिलाफ निश्चित कार्रवाई करेंगे.'
क्यों हुई सजा?
कोकाटे नाशिक के सिन्नर से पांच बार से विधायक हैं. कोकाटे को एक 28 साल पुराने मामले में सजा हुई है. नाशिक सेशन कोर्ट ने फ्लैट घोटाले में उनकी 2 साल की कैद और 10 हजार रुपया के जुर्माने की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने तुरंत सजा को अमल में लाने का भी निर्देश दिया.
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क्या विधायकी भी जाएगी?
कोकाटे का सियासी भविष्य बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर टिका हुआ है. गिरफ्तारी के साथ-साथ उनकी विधानसभा की सदस्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है. उन्हें कोर्ट ने दो साल की जेल की सजा सुनाई है. जनप्रतिनिधि कानून कहता है कि अगर किसी सांसद या फिर विधायक को दो साल या फिर उससे ज्यादा कि सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी. हालांकि, अभी विधानसभा सचिवालय की तरफ से कहा गया है कि कोर्ट के आदेश की कॉपी आने के बाद ही कोकाटे की सदस्यता पर कोई फैसला लिया जाएगा.