पोस्को और आईटी एक्ट के तहत Child Porn देखना अपराध है या नहीं, पढ़ें मद्रास हाईकोर्ट का फैसला?
मद्रास हाई कोर्ट
Madras HC Concern About Porn Addiction in Gen Z: मद्रास हाई कोर्ट की तरफ से Gen Z के बीच बढ़ रही पोर्न की लत को लेकर चिंता जाहिर की गई है। साथ ही समाज को सलाह दी है कि वह Gen Z की इस लत से छुटकारा पाने में उनकी मदद और मार्गदर्शन करें। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी एक चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान की है। कोर्ट ने कहा कि किशोरों में अश्लील तस्वीरें और वीडियो देखने की लत लगातार बढ़ रही है, समाज को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। Gen Z के बीच इस लत के बढ़ने का मुख्य कारण इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर उनकी आसान पकड़ और पहुंच है। कोर्ट ने समाज से आग्रह करते हुए कहा कि इस विषय पर किशोरों को उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाए।
Gen Z बच्चों की निंदा नहीं मदद करें
जस्टिस आनंद वेंकटेश ने टिप्पणी करते हुए इस लत से जूझ रहे Gen Z बच्चों की निंदा करने के बजाय उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को इस लत से उबरने के लिए समाज का आगे बढ़कर मदद का हाथ बढ़ाना होगा। साथ ही इन बच्चों को इस विषय पर सही ढंग से ज्ञान और मार्गदर्शन देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस गंभीर समस्या से जूझ रहे बच्चों को सजा देने के बजाए मैच्योरिटी के साथ समझाना चाहिए और उन्हें सही सलाह देनी चाहिए, जिससे वे अपनी इस लत से छुटकारा पाने में सफल हों।
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शोध का उदाहरण
कोर्ट ने कहा कि इसकी शुरुआत स्कूल के स्तर पर होनी चाहिए। कोर्ट ने हालिया शोध का उदाहरण देते हुए किशोरों के पोर्नोग्राफी के कनेक्शन पर भी प्रकाश डाला है। शोध रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से 9 लड़कों ने और 10 में से 6 लड़कियों ने 18 साल से पहले पोर्नोग्राफी का अनुभव किया था। बता दें कि कोर्ट ने ये कमेंट चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखने के मामले की सुनवाई करते हुए किए है।
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