2024 में क्या होगी कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती? खरगे के बयान से मिले संकेत?
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। इसे देखते हुए राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। देश की प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के सामने भी कई चुनौतियां हैं। पार्टी इससे पार पाने की भी कोशिश कर रही है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं दिख रहा है। पार्टी अपने स्थापना दिवस पर नागपुर में एक रैली के साथ ही चुनाव अभियान की शुरुआत करने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी एक और यात्रा शुरू करने की तैयारी में हैं। इंडिया गठबंधन भी लगातार विचार विमर्श कर रहा है और समय-समय पर इसे लेकर बैठकें भी हो रहीं हैं।
इंडिया गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीट बंटवारे को लेकर है। इसकी वजह कई नेताओं द्वारा समय-समय पर ऐसे बयान दिया जाना है, जिससे सहयोगी दल असहज हो रहे हैं। तमिलनाडु में डीएमके के कुछ नेताओं ने हाल के दिनों में ऐसे बयान दिए हैं जिसने बीजेपी को कांग्रेस पर हमलावर होने का मौका दे दिया है। इसे लेकर बीजेपी, इंडिया गठबंधन को उत्तर भारतीय लोगों का विरोधी बता रही है।
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हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का राजस्थान और छत्तीसगढ में सत्ता गंवाना और मध्य प्रदेश में भी हार का सामना करना उसके भविष्य को लेकर सवालिया निशान खड़े करता है। हालांकि कांग्रेस के बड़े नेता इसपर मंथन कर मौजूदा कमियों को दूर करने की बात कह रहे हैं, लेकिन देखना होगा कि यह धरातल पर कितना उतर पाता है। पार्टी ने हार पर मंथन के लिए CWC की बैठक भी की।
कितनी सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऐसी बात कही जिससे सभी नेता हैरान रह गए। खरगे ने कहा कि पार्टी का ध्यान 260 सीटों पर रहेगा। बाद में एक नेता से उन्होंने कहा कि उनका मतलब यह था कि पार्टी 260 सीटों पर सीधे मुकाबले में है और वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी और इंडिया ब्लॉक में सीट-बंटवारे के आधार पर कई सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
वहीं कई नेताओं का मानना है कि कांग्रेस-जिसने 2019 में 421 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 52 सीटें जीती थीं-इस बार बहुत कम सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि जैसा कि एक नेता ने कहा कि 300 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना पार्टी के लिए मौत की घंटी साबित होगी। यह 1996 में उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ हुए गठबंधन जैसा होगा।
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