INDIA Alliance Loksabha Seat Sharing Formula: साल 2024 में दिल्ली का सिंहासन जीतने के लिए रण तैयार हो चुका है। इस बार सीधा मुकाबला NDA बनाम INDIA गठबंधन में है। लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के लिए भले ही इंडिया अलायंस एकजुट होने का दावा कर रही हो, लेकिन ताजा सियासी हालात तो यहीं बयां कर रहे हैं कि इंडिया अलायंस में सबको एकसाथ लेकर चलना आसान नहीं होगा, क्योंकि सभी पार्टियों ने सीट शेयरिंग से पहले ही अपनी महत्वाकांक्षाएं जाहिर करनी शुरू कर दी है। बिहार हो, बंगाल हो, यूपी हो या महाराष्ट्र, सीट शेयरिंग की राह इन राज्यों में आसान नजर नहीं आ रही...
उत्तर प्रदेश में सीटों का फॉर्मूला
सबसे पहले उत्तर प्रदेश की बात करते हैं तो देश के इस सबसे बड़े सूबे में 80 लोकसभा सीटें हैं, जहां समाजवादी पार्टी 60-20 वाला फॉर्मूला चाहती है। ऐसे में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, क्योंकि कांग्रेस UP में 20 सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है। अखिलेश लगातार 80 हटाओ देश बचाओ का नारा दे रहे हैं। साथ ही साफ कह रहे हैं कि UP में समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन को लीड करेगी।
पश्चिम बंगाल में दीदी के तेवर
दूसरा राज्य है पश्चिम बंगाल, जहां कुल 42 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन ममता बनर्जी वाम दल के साथ जाने के मूड में नहीं है। साथ ही वो सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का इशारा भी कर रही है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां सबसे बड़ी चुनौती है। साथ ही इशारों-इशारों में बंगाल में भाजपा के खिलाफ अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है।
बिहार में सीटों का समीकरण
तीसरा राज्य बिहार है, जहां 40 सीटों पर सस्पेंस बरकारार है, क्योंकि एक तरफ कांग्रेस 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है तो वहीं आरजेडी और जेडीयू 17-17 सीटों पर दावेदारी पेश कर रही है। ऐसे में सीट बंटवारें का पेंच यहां भी फंसा है। राज्य में सीटों के समीकरण को साधने के लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है।
'INDIA' गठबंधन में बिहार के 4 प्रमुख दल
गठबंधन में क्योंकि बिहार के 4 प्रमुख दल जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल शामिल हैं। ऐसे में सीट शेयरिंग को लेकर तालमेल बिठाना कांग्रेस के साथ-साथ सभी पार्टियों के लिए चुनौती है। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा। वहीं जेडीयू का स्टैंड भी क्लीयर है, बस कांग्रेस और आरजेडी में सहमति बनना बाकी है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना में रार
चौथा राज्य है महाराष्ट्र, जहां कुल 48 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन शिवसेना और उद्धव गुट 23 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं कांग्रेस और NCP इतनी सीटें देने को तैयार नहीं हैं। सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और शिवसेना में रार खुलकर सामने आती दिख रही है। एक ओर जहां शिवसेना के नेता संजय राउत ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है, वहीं कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी साफ कहा है कि अगर उन्हें 23 सीटें दे देंगे तो बाकी पार्टियां कैसे चुनाव लड़ेंगी? उन्होंने कहा कि शिवसेना आज की तारीख में टूटी और बिखरी पार्टी है।
पंजाब-दिल्ली में कांग्रेस-आप एक नहीं
5वां राज्य है पंजाब, जहां कुल 13 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन सबसे बड़ा पेंच यहां फंसा हुआ है, क्योंकि पंजाब कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने के फेवर में नहीं है। वे सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। इन्हीं 13 सीटों पर आप भी चुनाव लड़ने का इशारा कर चुकी है। छठे प्रदेश दिल्ली में 7 लोकसभा सीटों की फाइट है, जिसका पेच सबसे ज्यादा बड़ा है, क्योंकि इन 7 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर आप और कांग्रेस दोनों के बीच का विवाद सार्वजनिक भी हो चुका है।
यह भी पढ़ें: कौन हैं कमल रावत, जो रेप के आरोप में हुआ गिरफ्तार, भाजपा ने भी पार्टी से निकाला