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कर्नाटक में वोटों की गिनती शुरू होते ही कुमारस्वामी बोले- अब तक मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया

Karnataka Polls Results: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए काउंटिंग शुरू होते ही जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार के गठन के लिए अभी तक उनसे किसी भी पार्टी ने संपर्क नहीं किया गया है। विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। बता दें कि आज कर्नाटक […]

Karnataka Polls Results: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए काउंटिंग शुरू होते ही जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार के गठन के लिए अभी तक उनसे किसी भी पार्टी ने संपर्क नहीं किया गया है। विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। बता दें कि आज कर्नाटक के सभी पार्टियों के 2,615 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। मतगणना से पहले मीडिया से बात करते हुए कुमारस्वामी ने एग्जिट पोल का हवाला देते हुए कहा कि नतीजे साफ होने तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। बता दें कि कुछ एग्जिट पोल में जेडीएस को लगभग 30-32 सीटों की भविष्यवाणी की गई थी। कुमार स्वामी ने कहा कि अगले 2-3 घंटों में चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल दिखाते हैं कि दोनों राष्ट्रीय दल बड़े पैमाने पर स्कोर करेंगे। चुनावों ने जद (एस) को 30-32 सीटें दी हैं। मैं एक छोटी पार्टी हूं, मैं फाइनल नतीजों का इंतजार कर रहा हूं।

कर्नाटक में कांग्रेस को स्पष्ट बढ़त मिलने की उम्मीद

कांग्रेस को कर्नाटक में स्पष्ट बढ़त मिलने की उम्मीद है क्योंकि चार एग्जिट पोल उसे पूर्ण बहुमत दे रहे हैं और कुछ त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी कर रहे हैं जिससे पार्टी को फायदा होगा। कुछ एग्जिट पोल में यह भी कहा गया है कि सरकार बनाने के लिए बीजेपी स्वीपस्टेक में आगे है। कर्नाटक में मतदान समाप्त होने के बाद जारी किए गए एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि जनता दल-सेक्युलर जद (एस) 2018 के चुनावों में जीती गई 37 सीटों को नहीं छू पाएगी, लेकिन राज्य में एक मजबूत क्षेत्रीय खिलाड़ी बनी रहेगी। अगर कर्नाटक त्रिशंकु विधानसभा देता है, तो जेडी-एस किंगमेकर की भूमिका में उभर सकता है। बता दें कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण है। दोनों दलों के नेताओं की ओर से चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत लगाई गई। दोनों पार्टियों ने सत्ता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। भाजपा वैकल्पिक सरकारों के 38 साल पुराने पैटर्न को तोड़ने और राज्य में अपनी सत्ता बनाए रखने का प्रयास कर रही है। बता दें कि 1985 से पांच साल की पूर्ण अवधि के बाद एक मौजूदा सरकार कर्नाटक में सत्ता में वापस नहीं आई है।


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