Sudan Violence: कर्नाटक के 31 आदिवासी सूडान में फंसे, कांग्रेस का दावा- सरकार नहीं कर रही रेस्क्यू
Sudan Violence: कर्नाटक के 31 आदिवासी अफ्रीकी देश में हिंसा के बीच फंसे हुए हैं। ये सभी 31 आदिवासी हक्की पिक्की जनजाति के हैं, जो एक अर्ध-खानाबदोश आदिवासी समूह है। आदिवासी समूह के लोगों की हालत काफी खराब है। कहा जा रहा है कि पिछले सप्ताह के अंत में शुरू हुए हिंसक संघर्ष के बाद से आदिवासियों के पास खाने-पीने के सामान की भी कमी हो गई है।
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि विदेश मंत्रालय (MEA) को सूडान में आदिवासियों की स्थिति के बारे में सूचित कर दिया गया है। फंसे हुए लोगों से बाहर नहीं निकलने और देश में भारतीय दूतावास के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है।
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त डॉक्टर मनोज राजन ने कहा है कि हमें संदेश मिला है कि कर्नाटक के 31 लोगों का एक समूह सूडान में फंसा हुआ है। हमने विदेश मंत्रालय को इस बारे में सूचित कर दिया है। हमने समूह को सूडान में भारतीय दूतावास के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। फंसे हुए लोगों को चाहिए कि वे सूडान में भारतीय दूतावास के निर्देशों का पालन करें। वे जहां हैं वहीं रहें और बाहर न निकलें। विदेश मंत्रालय ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और इस पर काम कर रहा है।
कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार को कन्नडिगा विरोधी करार दिया और दावा किया कि राज्य और केंद्र सरकार सूडान में फंसे कर्नाटक के आदिवासियों को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र और कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने आदिवासियों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया।
सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि सूडान में हक्की पिक्की जनजाति के 31 लोगों को सूडान में जारी संघर्ष के बीच फंसा छोड़ दिया गया है। कन्नड़ विरोधी मोदी सरकार ने उन्हें सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और निकालने के बजाय उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ दिया है। प्रह्लाद जोशी और शोभा करंदलाजे और कहां हैं?
सिद्धारमैया ने पीएम मोदी और सीएम बोम्मई से की अपील
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने पीएम मोदी और बोम्मई से तत्काल हस्तक्षेप करने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने अभी तक आदिवासियों को घर वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है।
सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री कार्यालय, पीएम मोदी, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और बोम्मई को टैग करते हुए ट्वीट किया। सिद्धारमैया ने लिखा कि बताया गया है कि हक्की पिक्की जनजाति के कर्नाटक के 31 लोग सूडान में फंसे हुए हैं जो गृहयुद्ध से परेशान हैं। मैं @PMOIndia, @narendramodi, @HMOIndia, @MEAIndia और @BSBommai से तुरंत हस्तक्षेप करने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।
उन्होंने कहा कि सूडान में हक्की पिक्की पिछले कुछ दिनों से बिना भोजन के फंसे हुए हैं और सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है। भाजपा सरकार को तुरंत कूटनीतिक चर्चा शुरू करनी चाहिए और हक्की पिक्की की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों तक पहुंचना चाहिए।
तीसरे दिन भी जारी है सूडान में हिंसा
सूडानी सेना और शक्तिशाली रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) अर्धसैनिक समूह के बीच तनाव जारी है। राजधानी खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में तीसरे दिन भी हिंसा जारी रही। बता दें कि अफ्रीकी देश को नियंत्रित करने के लिए दो समूहों के बीच सड़कों पर जंग जारी है। संयुक्त राष्ट्र के दूत वोल्कर पर्थेस के अनुसार, लड़ाई शुरू होने के बाद से अब तक 185 लोग मारे गए हैं और 1,800 से अधिक घायल हुए हैं।
झड़पों में भारतीय नागरिक की मौत
भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टाइन के सूडान संघर्ष के दौरान मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि अल्बर्ट गोलीबारी के चपेट में आ गया जिससे उसकी मौत हो गई। अल्बर्ट केरल का रहने वाला था। इस संबंध में सूडान में भारतीय दूतावास ने 16 अप्रैल को ट्वीट किया था।
विदेश मंत्री ने जताया दुख
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऑगस्टाइन की मौत के बारे में जानकर उन्हें गहरा दुख हुआ और उन्होंने शोक संतप्त परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार सूडान में स्थिति पर नजर रख रही है।
जयशंकर ने ट्वीट किया, "खार्तूम में एक भारतीय नागरिक की मौत के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। दूतावास परिवार को पूरी सहायता देने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। खार्तूम की स्थिति बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। हम घटनाक्रम की निगरानी करना जारी रखेंगे।"
बता दें कि सूडान में भारतीय दूतावास के मुताबिक, मृतक अल्बर्ट देश में दाल ग्रुप कंपनी में काम करता था। वह केरल का रहने वाला था।
भारतीयों को सूडान की यात्रा न करने की सलाह
भारतीय दूतावास ने सूडान संघर्ष को लेकर एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों से अगली सूचना तक अपनी यात्रा स्थगित करने को कहा गया है। दूतावास ने सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों से शांत और शांतिपूर्ण रहने का आग्रह किया है।
भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट में कहा कि लेटेस्ट अपडेट्स के मुताबिक, संघर्ष दूसरे दिन भी कम नहीं हुई है। हम ईमानदारी से सभी भारतीयों से अनुरोध करते हैं कि वे जहां हैं वहीं रहें और बाहर न निकलें।"
दूतावास ने कहा, "कृपया शांत और शांतिपूर्ण रहें। बालकनियों या छतों जैसी खुली जगहों से दूर रहें। जरूरी चीजें - दवा, पानी, पैसा, पासपोर्ट, ओसीआई कार्ड, आसान गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए भोजन तैयार रखें।"
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान में भारतीयों की संख्या लगभग 4,000 है, जिनमें 1,200 ऐसे हैं जो दशकों पहले देश में बस गए हैं।
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