Karnataka Swearing Ceremony: 75 साल के कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे दूसरी बार कर्नाटक के सीएम बने हैं। साथ ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में राज्यपाल थावरचंद गहलोत सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को उनके पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह वही जगह है जहां सिद्धारमैया ने 2013 में शपथ ली थी, जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह विपक्षी दलों की एकता का शक्ति प्रदर्शन है। समारोह में विपक्ष के कई दिग्गज नेता पहुंचे हैं। सोनिया गांधी अस्वस्थता के कारण समारोह में नहीं पहुंच सकी हैं। वे इस समय शिमिला में हैं। सीएम-डिप्टी सीएम के साथ 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। अंत में डीके शिवकुमार ने विपक्ष के सभी नेताओं का आभार जताया।
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10वें नंबर पर जमीर अहमद खान ने शपथ ली। वे चामराजपेट से विधायक हैं।
कर्नाटक के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण के बाद राज्य सरकार के विधान मंडल 'विधानसौधा' में उनके नाम की तख्ती लगाई गई।
9वें नंबर पर रामालिंगा रेड्डी शपथ लेने पहुंचे। 1989 में पहली बार जयनगर से विधायक बने। 6 बार विधायक रह चुके हैं। अपनी सादगी के लिए बेहद लोकप्रिय हैं। चार दशक से ज्यादा राजनीतिक अनुभव है।
8वें नंबर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंत्री पद की शपथ ली। वे 2016 में सिद्धारमैया सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 38 साल की उम्र में दूसरी बार मंत्री बन रहे हैं। वे चित्तापुर से तीसरी बार विधायक हैं।
7वें नंबर सतीश जारकीहोली ने शपथ ली। तीन बार पहले भी मंत्री बन चुके हैं। चीनी मिल और कई स्कूलों के मालिक हैं। प्रभावशाली नायक समुदाय से आते हैं। 2008 में कांग्रेस के साथ आए।
6ठे नंबर पर एमबी पाटिल ने शपथ ली। कद्दावर लिंगायत नेता हैं। पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद रह चुके हैं। पांच बार विधायकी का चुनाव जीता है।
5वें नंबर पर केजे जॉर्ज ने शपथ ली। वे सर्वज्ञनगर से छठी बार विधायक हैं। पूर्व में गृह मंत्री रह चुके हैं। सिद्धारमैया के बेहद करीबी हैं। बंगारप्पा सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे हैं। करोड़पति कारोबारी भी हैं।
चौथे नंबर पर केएच मुनियाप्पा ने मंत्री पद की शपथ ली। वे कोलार से सात बार विधायक रहे। वर्तमान में देवनहल्ली से विधायक हैं। करीब 30 साल सांसद रहे। 60 के दशक से राजनीति में सक्रिय हैं।
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बाद जी परमेश्वर ने मंत्री पद की शपथ ली है। परमेश्वर डिप्टी सीएम के प्रबल दावेदार थे। वे दलित वर्ग से आते हैं।
सिद्धारमैया के बाद डीके शिवकुमार ने उप मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली।
सबसे पहले राज्यपाल ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया।
राज्यपाल थावरचंद गहलोत कांतीरवा स्टेडियम पहुंच गए हैं। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से की गई। वे मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शपथ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, कमल हसन कांतीरवा स्टेडियम पहुंचे।
अखिलेश यादव शपथ समारोह में नहीं पहुंचे हैं। ममता बनर्जी ने भी अपना प्रतिनिधि भेजा है।
कर्नाटक के मनोनीत उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार कांतीरवा स्टेडियम पहुंचे। स्टेडियम में लोगों की भीड़ जुटी है।
राज्य के मनोनित मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बेंगलुरु में शपथ लेने के लिए अपने आवास से श्री कांतीरवा स्टेडियम के लिए रवाना हुए।
डीके शिवकुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का बेंगलुरु में स्वागत किया। राहुल-प्रियंका समारोह में शामिल होने के लिए आए हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल होंगे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समारोह के लिए न्योता दिया गया।
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ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे जैसे बड़े नेता शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि इन नेताओं ने अपने प्रतिनिधि भेजे थे।
सिद्धा सरकार लागू कर सकती है पांच गारंटी योजना
उम्मीद है कि शपथ ग्रहण के बाद पहली कैबिनेट बैठक में सिद्धारमैया सरकार पांच गारंटी को लागू करने के लिए कदम उठा सकती है। कांग्रेस ने सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये, बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल मुफ्त देने की गारंटी को लागू करने का वादा किया है। स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये और सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का ऐलान किया था। एक दिन पहले शिवकुमार ने कहा कि लोगों से किए गए वादों को पूरा करना हमारी पहली प्राथमिकता है।
कांग्रेस जीती थी 135 सीटें
कांग्रेस ने 10 मई को 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में 135 सीटें जीतीं। जबकि भाजपा को 66 सीटें मिलीं। वहीं जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीटें हासिल कीं। 13 मई को नतीजे आए थे।
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