Karnataka Elections 2023: कर्नाटक में 10 मई को चुनाव है। जैसे मतदान का दिन नजदीक बढ़ रहा है, जुबानी जंग भी तेज हो रही है। ऐसे में कर्नाटक की VIP सीट हुबली-धारवाड़ मध्य में भी दिलचस्प नजारा है। यहां दो प्रमुख लिंगायत नेताओं के बीच 'गुरु-शिष्य' की लड़ाई तेज हो गई है।
भाजपा ने हुबली सीट पर कभी भाजपा के साथ रहे जगदीश शेट्टार के खिलाफ महेश तेंगिंकाई को मैदान में उतारा है। वे भाजपा के स्टेट महासचिव हैं। तेंगिकाई पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। तेंगिकाई ने 18 अप्रैल को नामांकन दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने जगदीश शेट्टार से आशीर्वाद मांगा था।
मुझे विश्वास गुरु शिष्य को आशीर्वाद देंगे
तेंगिकाई ने कहा, 'जगदीश शेट्टार मेरे गुरु रहे हैं। यह लड़ाई एक गुरु और उनके शिष्य के बीच है। मुझे विश्वास है कि मेरे गुरु मुझे आशीर्वाद देंगे।'
इस बयान के बाद जगदीश शेट्टार भी सामने आए। उन्होंने कहा, 'मैं न तो महेश तेंगिंकाई का गुरु हूं और न ही वह मेरा शिष्य है। उनके गुरु दिल्ली में हैं और वह दिल्ली में अपने गुरु के वफादार शिष्य हैं। बीएल संतोष उनके गुरु हैं। अपने गुरु के कारण उन्हें टिकट मिला।
शेट्टार ने कानाफूसी करने का लगाया आरोप
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने तेंगिंकाई पर पिछले छह से सात महीनों में उनके खिलाफ 'कानाफूसी अभियान' चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा, 'उनका क्या योगदान है? सिर्फ एक पदाधिकारी होना ही काफी नहीं है। हुबली के लोग निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रतिनिधि की भागीदारी चाहते हैं। केवल भाजपा से टिकट प्राप्त करना पर्याप्त नहीं है।'
टिकट न मिलने से नाराज होकर शेट्टार ने छोड़ी भाजपा
भाजपा ने जगदीश शेट्टार को इस चुनाव में टिकट नहीं दिया। इससे नाराज होकर शेट्टार बीते सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। शेट्टार से पहले लिंगायत समुदाय के बड़े नेता और उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हैं।
तेंगिकाई बोले- बीजेपी को लिंगायतों का समर्थन
हुबली-धारवाड़ केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र से शेट्टार की जगह लेने वाले भाजपा नेता महेश तेंगिंकाई ने कहा कि पार्टी को अभी भी लिंगायतों का समर्थन प्राप्त है और कुछ नेताओं के बाहर निकलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
तो करीबी होगा मुकाबला...
हुबली में लड़ाई और दिलचस्प हो गई है क्योंकि दो प्रमुख लिंगायत नेता एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देंगे। महेश तेंगिंकाई लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख नेता हैं, जिनकी हुबली-धारवाड़ क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। वह दो दशकों से अधिक समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं और पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर रहे हैं। वह एक सफल व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। तेंगिंकाई और शेट्टार के बीच मुकाबला करीबी होने की उम्मीद है, क्योंकि दोनों लिंगायत समुदाय के लोकप्रिय नेता हैं और उनके पास मजबूत संगठनात्मक समर्थन है। 224 सीटों वाले विधानसभा चुनाव 10 मई को एक ही चरण में होने हैं और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे।
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