कुमार गौरव, नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच सहमति बनने के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 फिर से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा जून से अगस्त 2025 के बीच आयोजित होगी। विदेश मंत्रालय ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार यात्रा के लिए कुल 15 जत्थे बनाए गए हैं। हर जत्थे में 50 यात्री शामिल होंगे। यात्रियों को दो रास्तों से कैलाश मानसरोवर ले जाया जाएगा। 5 जत्थे उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से और 10 जत्थे सिक्किम के नाथू ला दर्रे से यात्रा करेंगे। यह यात्रा हिंदू श्रद्धालुओं के लिए बहुत पवित्र मानी जाती है और हर साल हजारों लोग इसमें भाग लेने की इच्छा रखते हैं।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
अब श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होने के लिए आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने एक वेबसाइट बनाई है kmy.gov.in। अब पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर से की जाती है, जिससे सभी को बराबरी का मौका मिलता है। पहले लोग फॉर्म भरकर डाक या फैक्स से भेजते थे, लेकिन अब सिर्फ ऑनलाइन आवेदन करना है, जिससे समय और मेहनत दोनों बचते हैं।
डिजिटल प्रक्रिया से सरल हुआ पंजीकरण
2015 से ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आवेदन और चयन की पूरी प्रक्रिया डिजिटल कर दी गई थी। अब इस प्रक्रिया को और ज्यादा सरल और पारदर्शी बना दिया गया है। आवेदकों को वेबसाइट पर सारी जानकारी मिलेगी, साथ ही फीडबैक और सुझाव देने का ऑप्शन भी उपलब्ध है। यह सुविधा यात्रा को और अधिक सुगम बनाती है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच, यात्रा बीमा और विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि कठिन पहाड़ी यात्रा के दौरान उन्हें कोई दिक्कत न हो। सरकार ने सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को भी पहले से बेहतर करने पर खास ध्यान दिया है।
भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक संकेत
कई वर्षों के अंतराल के बाद भारत और चीन के बीच बनी सहमति से कैलाश मानसरोवर यात्रा को एक नई शुरुआत मिली है। यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि भारत-चीन के संबंधों में सुधार का भी प्रतीक है। यात्रा को सफल बनाने के लिए दोनों देशों ने मिलकर योजना बनाई है। इससे उम्मीद है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग और बढ़ेगा। श्रद्धालु भी इस खबर से बहुत उत्साहित हैं और बड़ी संख्या में यात्रा के लिए आवेदन कर रहे हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व देखते हुए यह एक बहुत सुखद खबर है।