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‘नई संसद के बाथरूम ‘भयानक’, अब मैं और क्या बताऊं’; Jaya Bachchan ने राज्यसभा में फिर दिखाए तल्ख तेवर

Jaya Bachchan Reality Check: सांसद जया बच्चन ने नई संसद के बाथरूमों में साफ-सफाई का मुद्दा उठाया है। उन्होंने भाजपा के दावों को खोखला बताते हुए आक्रामक तेवर दिखाए और राज्य सभापति को भी आड़े हाथों लिया।

Rajya Sabha MP Jaya Bachchan
Jaya Bachchan Reality Check On New Parliament Washrooms: एक्ट्रेस और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने एक बार फिर तल्ख तेवर दिखाए हैं। इस बार उनका मुखर रवैया राज्यसभा में देखने को मिला, जहां उन्होंने अचानक नई संसद के बाथरूमों की हालत का मुद्दा उठाया। उन्होंने सदन में ही कहा कि हर 5 मिनट में कोई न कोई सांसद पानी पीने या वॉशरूम जाने के लिए ब्रेक लेता है, लेकिन नई संसद के वॉशरूम इतने भयानक और खतरनाक हैं, मैं अब आप लोगों को क्या ही बताऊं? 971 करोड़ खर्च करके नई संसद बनाई गई। शानदार सुविधाएं देने का वादा किया गया, लेकिन बाथरूम देख लो जाकर। खोखले दावों की पोल खुद-ब-खुद खुल जाएगी।  

बोलीं- अब मैं राज्य सभापति को मैडम कहूंगी

सांसद जया बच्चन सांसदों के निलंबन से भड़की हुई हैं। इससे भी ज्यादा वे इसलिए भड़की हुई हैं, क्योंकि राज्य सभापति जगदीप धनखड़ उनकी बात नहीं सुनने रहे हैं। सांसद सुबह से उनसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बात सुनी नहीं जा रही है। सांसद ने राज्य सभापति जगदीप धनखड़ पर उन्हें बोलने नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अब हम देखना चाहते हैं कि उनमें कितना धैर्य है और सांसदों में कितना सब्र है? सदन की कार्यवाही आज रात 11 बजे तक चलेगी। हम बोल रहे हैं, चिल्ला रहे हैं, हमको बोलने दीजिए। सर-सर बोल रहे हैं, राज्य सभापति जवाब नहीं दे रहे तो अब मैं उनको मैडम कहूंगी, इसके अलावा और क्या करें हम।

बात सुनने तक काम नहीं होने दिया जाएगा

जया बच्चन ने बिना किसी चर्चा के विधेयकों को पारित कराने की कोशिश के लिए केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वे अनुचित और अन्यायपूर्ण तरीकों का इस्तेमाल करके बिल पारित कराना चाहते थे तो स्वीकार करके ऐसा करें। हां और न करने का क्या मतलब है? यह नाटक क्यों? सांसदों को निलंबित करना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है। बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में संसद की सुरक्षा में हुई चूक, सांसदों के निलंबन और राज्य सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के मुद्दे पर हंगामा हुआ और कामकाज ठप रहा। जब तक सांसदों की, विपक्षियों की बात नहीं सुनी जाएगी, किसी सूरत में काम होने नहीं दिया जाएगा।


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