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इस बार जम्मू कश्मीर से 3 महिलाएं बनीं विधायक, शगुन पहली तो शमीम तीसरी बार पहुंचीं विधानसभा

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Result: इस बार जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में 3 महिलाओं ने जीत दर्ज की है। दो महिला विधायक तीसरा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। वहीं, एक विधायक ने पहली बार जीत दर्ज की है। इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

शमीम फिरदौस, शगुन परिहार, सकीना इट्टू।
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस बार महिलाओं का प्रतिनिधित्व अधिक हो गया है। 2008 के बाद यह पहला मौका है, जब एक साथ 3 महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। किश्तवाड़ से भाजपा के टिकट पर जीतीं शगुन परिहार पहली बार विधानसभा पहुंची हैं। वहीं, हब्बाकदल से नेशनल कॉन्फ्रेंस की शमीम फिरदौस और डीएच पोरा से नेशनल कॉन्फ्रेंस की सकीना इट्टू ने जीत दर्ज की है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर इस बार 30 महिलाओं ने भाग्य आजमाया था। इनमें डीएच पोरा सीट से सकीना इट्टू ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की। उनका मार्जिन 17449 वोटों का रहा। वहीं, हब्बाकदल से शमीम फिरदौस की जीत का अंतर 9538 वोटों का रहा। भाजपा की शगुन परिहार की बात करें तो वे सिर्फ 521 वोटों से जीत दर्ज कर पाईं।

15 महिलाएं पहुंचीं विधानसभा

आपको बता दें कि 2014 तक जम्मू-कश्मीर में 10 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। आज तक सिर्फ 12 महिलाएं ही जीतकर विधायक बन सकी हैं। 11वीं विधानसभा में 3 महिलाओं के जीतने के बाद अब आंकड़ा 15 हो गया है। शमीम फिरदौस पहली महिला विधायक बनी हैं, जो तीसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। वे इससे पहले 2008, 2014 के चुनाव में जीत दर्ज कर चुकी हैं। इस बार दो चुनाव के मुकाबले उनकी बड़ी जीत हुई है। इस चुनाव में उनको 12437 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेपी कैंडिडेट अशोक कुमार भट 9538 वोटों से हारे। 2008 में पहली बार वे 1702 वोटों से जीती थीं। 2014 में 2359 वोटों से जीत मिली। यह भी पढ़ें:वो 13 सीटें, जहां जीत का अंतर रहा 2 फीसदी से भी कम; कांग्रेस या बीजेपी… जानें किसे मिला फायदा? शमीम फिरदौस जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) की महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष हैं। 2008 में वे मंत्री रही थीं। वहीं, डीएच पोरा से जीतीं सकीना इट्टू पीडीपी के गुलजार अहमद डार को बड़े अंतर से हरा चुकी हैं। सकीना इट्टू के पिता वली मोहम्मद इट्टू राजनीति में थे। 1994 में आतंकवादियों ने उनको गोलियों से छलनी कर दिया था। वहीं, किश्तवाड़ से भाजपा प्रत्याशी शगुन परिहार सबसे कम आयु में विधायक बनकर विधानसभा पहुंची हैं। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक और मंत्री रहे सज्जा कुचलू को 521 वोटों से शिकस्त दी है। वे आतंकी हमले में मारे गए भाजपा के पूर्व राज्य सचिव अनिल परिहार की फैमिली से हैं।

मुफ्ती की बेटी भी नहीं बचा पाईं सीट

इस बार पाडर नागसेनी सीट से एनसी कैंडिडेट पूजा ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री सुनील शर्मा ने उन्हें 1546 वोटों से शिकस्त दी। पूजा ठाकुर को 15490 वोट मिले। जबकि सुनील शर्मा ने 17036 वोट हासिल किए। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी इस बार हार गईं। वे अपनी मां और नाना का गढ़ रही श्रीगुफवारा-बिजबिहारा सीट पर कमाल नहीं दिखा पाईं। इल्तिजा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद शाह वीरी ने 9770 वोटों से हरा दिया। यह भी पढ़ें:देवीलाल के पोते हारे, भजनलाल का गढ़ ढहा… हरियाणा चुनाव में बड़े सियासी परिवारों का कैसा रहा हाल?


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