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खड़ी पहाड़ी और उच्च तकनीक हथियारों से लैस आतंकी बने सेना के लिए चुनौती, जानें अनंतनाग एनकाउंटर की INSIDE STORY

Jammu Kashmir Anantnag Terrorist Encounter Update: हिंदुस्तान के स्वर्ग के नाम से मशहूर है कश्मीर, लेकिन इस स्वर्ग पे हमेशा नापाक मंसूबो की नजर लगते रहती है। एक आतंकी वारदात को हमारे शूरवीर अंजाम तक पहुचाते है तो ठीक उसी वक़्त दूसरे आतंकी गड़बड़ी फैलाने के लिए तैयार हो जाते है। रक्षा मामलों के जानकरों […]

Anantnag Terrorist Encounter Update
Jammu Kashmir Anantnag Terrorist Encounter Update: हिंदुस्तान के स्वर्ग के नाम से मशहूर है कश्मीर, लेकिन इस स्वर्ग पे हमेशा नापाक मंसूबो की नजर लगते रहती है। एक आतंकी वारदात को हमारे शूरवीर अंजाम तक पहुचाते है तो ठीक उसी वक़्त दूसरे आतंकी गड़बड़ी फैलाने के लिए तैयार हो जाते है। रक्षा मामलों के जानकरों की माने तो ये ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लंबे समय से वहां पर स्लीपर सेल एक्टिव है और इसकी जड़ को तोड़ पाना मुश्किल हो रहा है। ताजा मामला अनंतनाग का है, पिछले लगभग 80 घंटे से लगातार एनकाउन्टर चल रहा है जो रुकने का नाम नही ले रहा है। सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार आतंकी अपने साथ भारी तादाद में आर्म्स लेकर आये है और खाने-पीने के समान की कोई कमी नही हैं।

सुरक्षा बलों के सामने ये है चुनौतियां

न्यूज़ 24 को रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सेना और लोकल पुलिस को मुखबिर से सटीक जानकारी मिली थी कि कोकरनाग इलाके में गदुल में आतंकी छिपे हुए है। जिसके बाद पूरे इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया था, लेकिन जमीन पर कुछ भी नही मिला क्योंकि आतंकी तो पहाड़ी इलाके में छुपे थे। सेना और पुलिस पल-पल की हरकतों पे नज़र गड़ाए हुए थे, लेकिन इसी बीच सेना ने पुलिस के साथ मिलकर एक प्लान बनाया और वह प्लान था किसी भी तरह पहाड़ी इलाके को घेर कर आतंकियों का खात्मा कर देना है। एक तरफ मौसम खराब तो दूसरी तरफ पहाड़ी का मुश्किल भरा रास्ता क्योंकि पूरा रास्ता ही संकरा था। इस मुश्किल हालात में हमारी सेना को आतंकियों से तो लड़ना ही था साथ ही पहाड़,धाना जंगल,गहरी खाई और रात के अंधरे से भी खुद को बचाने का दूसरा टास्क भी इनके सामने था।

आतंकियों को सामने से गोली मारने को बेचैन थे

19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह फिर मेजर आशीष और उसके बाद पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट थे। हमारे शूरवीर इस बात से बेफिक्र थे कि ऊपर हाईड आउट में आतंकी सुरक्षा बलों को नीचे से ऊपर आते हुए देख सकते थे। जिस गुफा की ओट लिए आतंकी छुपे थे, उस जगह पर कर्नल अपनी टीम के साथ तेजी से आगे बढ़ते जा रहे थे, अपने गुफा के पास आते ही आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिस वक्त फायरिंग शुरू हुई कर्नल और उनके साथ चल रही टीम को संभलने का मौका नही मिला कियोकि अगर जोरदार जवाबी कार्रवाई करते तो उन्हें नीचे गिरने का खतरा था।

घायलों जवानों को नहीं मिला तुरंत इलाज

जब तक सेना और पुलिस खुद को संभाल कर जवाबी फायरिंग करती तब तक सेना के कर्नल, मेजर और पुलिस के डीएसपी को गोली लग गई तो उनको तुरंत वहां से अस्पताल नही पहुंचाया जा सका। कियोकि आतंकी लगतार AK-47 से फायरिंग कर रहे थे, जिस वजह से ना तो हेलीकॉप्टर उतारा जा स्का और ना ही घायल अधिकारियों को तुरंत मेडिकल सपोर्ट मिल पाया। सहीदो के शवों को के सुबह में निकला जा सका कियोकि रात के घनघोर अंधेरे में हेलीकॉप्टर भी जगह को लोकेट नही कर पा रहा था।

सीधी खड़ी पहाड़ी सेना के लिए बनी चुनौती

ताजा हालात यह है कि सेना ने आतंकियों के जगह को चारों तरफ से घेर लिया हैए इजराइल से खरीदा गया हेरॉन के जरिये उस जगह पर विस्फोटक गिराया जा रहा है । रॉकेट लांचर दागा जा रहा हैं। स्पेशल फोर्सेज के जवान भी लगातार फायरिंग कर रहे है। लेकिन सेना अभी तक उस जगह की पहचान नही कर पाई है जिस जगह से आतंकी फायरिंग कर रहे है। नाम न छापने की शर्त पर सेना के एक बड़े अधिकारी ने न्यूज़ 24 को एक्सक्लुसिव जानकरी देते हुए बताया कि उस जगह की भौगोलिक सरंचना ऐसी है जहां ऑपेरशन करने में काफी दिक्कत आती है। जानकारी के मुताबिक इन पहाड़ी इलाको में आतंकियों की तादाद दो-तीन से ज़्यादा हैं। इनमें पिछले साल लश्कर तोयबा में शामिल हुआ उजैर खान भी शामिल हैं। इसको इलाके की पूरी जानकारी है जिसका फायदा आतंकी को मिल रहा हैं।

उच्च तकनीक वाले हथियारों से लैस है आतंकी

पूर्व मेजर जनरल एसके सिंह के मुताबिक इतने दिनों तक सामान्य आतंकी सुरक्षा बलों के सामने टिक नही सकते हैं इनकी ट्रेनिंग खास तरीके से दी गई होगी, इनके पास आर्म्स भी हाई क्वालिटी के लग रहे है तभी तो वे भी सटीक निशाना लगा पा रहे है। यह भी कहा जा रहा है कि जिस मुखबिर ने सेना को आतंकियों के छिपे होने की सूचना दी थी, कही उसी में दोहरी चाल तो नही चल दी है। या फिर किसी ने सेना की कार्यवाही की डिटेल लीक कर दिया होगा। मामला जो ही हो लेकिन इस ऑपरेशन को जीम मदक करना सेना के लिए एक चैलेंज जैसा हो गया है। हमारे सहीदो का अंतिम संस्कार तो कर दिया गया है लेकिन इनकी रूह को तभी सकून मिलेगा जब इन आतंकियों को ढ़ेर किया जाएगा।


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