Jammu and Kashmir recruitment scam: जम्मू और कश्मीर 2020 में हुई फायरमैन और फायरमैन ड्राइवरों की भर्ती में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. घोटाला सामने आने के बाद दिसंबर 2022 में जांच समिति का गठन किया गया था. समिति की रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने सोमवार को फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज डिपार्टमेंट (Fire and Emergency Services Department) में 103 नियुक्त कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कर दीं. गृह विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश में इन नियुक्तियों को अवैध, शुरू से ही अमान्य और तत्काल प्रभाव से रद्द घोषित किया गया है. यह आदेश दिसंबर 2022 की एक जांच समिति की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें पेपर लीक, रिजल्ट में हेरफेर और रिकॉर्ड में छेड़छाड़ शामिल है. इसके बाद एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 2 जनवरी, 2025 को एक आपराधिक FIR दर्ज की.
बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा
एंटी-करप्शन ब्यूरो की जांच में फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज डिपार्टमेंट में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ: OMR शीट से छेड़छाड़ की गई, स्कैन की गई तस्वीरों में हेरफेर किया गया, मेरिट लिस्ट में धांधली की गई और डिजिटल सबूतों को बदला गया. आदेश के अनुसार कम से कम 106 उम्मीदवारों को बढ़ा-चढ़ाकर नंबर दिए गए और उन्होंने "आपराधिक साजिश" के जरिए नौकरी हासिल की. तीन लोगों को पहले ही नौकरी से निकाला जा चुका था, जिससे अब 103 लोगों को नौकरी से निकाला गया है.
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आर्टिकल 311 के तहत सुरक्षा अवैध नियुक्तियों पर लागू नहीं
सुप्रीम कोर्ट और J&K हाई कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए सरकार ने फैसला किया कि आर्टिकल 311 के तहत सुरक्षा अवैध नियुक्तियों पर लागू नहीं होती है. आदेश में कहा गया है, इस तरह की अवैधता सार्वजनिक विश्वास और भर्ती की पवित्रता को खत्म करती है,जिसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दी और गृह विभाग के प्रधान सचिव ने हस्ताक्षर किए. नौकरी से निकाले गए लोगों की सूची में कश्मीर और जम्मू दोनों डिवीजन शामिल हैं, जिसमें श्रीनगर, अनंतनाग, जम्मू और राजौरी जैसे जिले शामिल हैं. अधिकारियों ने तत्काल संबंध खत्म करने का निर्देश दिया जो ACB की चल रही जांच के बीच जीरो टॉलरेंस का संकेत है.
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