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डीबूस्टर की मदद से होगी यान की लैडिंग
लैंडर को लैंड कराने की यह प्रकिया काफी महत्वपूर्ण होगी जब चंद्रयान परिक्रमा करते हुए चंद्रमा की तरफ चलना शुरू होगा। यान को लैंडर के डीबूस्टर की मदद से सुरक्षित उतारने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-3 22 दिन के सफर के बाद 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। उस समय इसकी स्पीड कम की गई थी। इसरो ने स्पीड कम करने क लिए यान के थ्रस्टर से फायर किए थे। 20 अगस्त के बाद चंद्रयान-3 का सबसे कठिन चरण शुरू होगा। यानि इसरो के लिए यह सबसे मुश्किल कार्य होगा। क्योंकि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 धीरे-धीरे चांद की सतह पर उतारा जाएगा।और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें
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