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‘ईरान को ना हो तकलीफ, जम्मू कश्मीर मामले पर हमारा साथ दिया’, बोले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है और चाहता है कि ईरान को कोई तकलीफ न हो। ईरान ने हमेशा भारत का साथ दिया है, खासकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईरान-इजराइल को लेकर दिया बयान (फोटो सोर्स- ANI)
ईरान और इजराइल के बीच युद्ध चल रहा है। दोनों देश एक-दूसरे पर जमकर हमले कर रहे हैं। अमेरिका ने भी ईरान पर हमला किया, जिसके बाद स्थिति और भी बदतर हो गई है। इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ने के आसार हैं, भारत भी इससे अछूता नहीं है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम बस यह चाहते हैं कि ईरान को तकलीफ न हो।

क्या बोले कांग्रेस अध्यक्ष?

कर्नाटक के कलबुर्गी में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम दुनिया में शांति चाहते हैं। ईरान हमारा पड़ोसी है और मुश्किल समय में हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा है। ईरान के साथ हमारे व्यापारिक संबंध हैं और हम उनसे कच्चा तेल आयात करते हैं। जब यूएनओ में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया गया था, तब ईरान ने हमारा पक्ष लिया था। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ईरान को तकलीफ न हो। कोई भी देश जो शांति से रहना चाहता है, उसके साथ हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। हम नहीं चाहते कि कोई भी देश किसी संप्रभु, लोकतांत्रिक देश पर हमला करे। चाहे वह इजराइल हो, ईरान हो या अमेरिका हो,  उन्हें किसी भी संप्रभु, स्वतंत्र देश पर हमला नहीं करना चाहिए। आज वहां ऐसा हो रहा है, कल कहीं और भी हो सकता है। भारत हमेशा उन लोगों के साथ रहा है जो शांति से रहना चाहते हैं।

पीएम मोदी ने की थी ईरान के राष्ट्रपति से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से फोन पर बात की और इसकी जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि हमने मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की। हाल की घटनाओं में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई गई। हालात को तुरंत शांत करने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच बातचीत और कूटनीति को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

ईरान पर इजराइल का ताजा हमला

ईरान पर इजराइल ने बड़ा हमला किया है। बताया जा रहा है कि तेहरान पर हुए इस हमले में 50 लड़ाकू विमान शामिल थे। इस दौरान ईरान की लॉन्चिंग साइट पर हमला किया गया और रिवोल्यूशनरी गार्ड के कार्यालय को निशाना बनाया गया है। खबर है कि अब ईरान की तरफ से इस युद्ध में रूस से मदद मांगी गई है।


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