INS Mahendragiri Launched In Mumbai: इंडियन नेवी का नया युद्धपोत बाहुबली महेंद्रगिरि शुक्रवार को समुद्र में उतर गया। लॉन्चिंग से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी ने मुंबई में विधिवत पूजा-पाठ किया। यह आधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है। इसमें सतह से हवा में दुश्मन की मिसाइल को मार गिराने की क्षमता है। इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने किया है, जो प्रोजेक्ट 17 अल्फा के तहत बनाए गए युद्धपोतों में 7वां और आखिरी युद्धपोत है। इसके निर्माण में 75 फीसदी ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों को दिए गए थे।
लॉन्चिंग में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आदि मौजूद थे।
जानिए युद्धपोत महेंद्रगिरि की 6 बड़ी बातें
महेंद्रगिरि युद्धपोत प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स का सातवां जहाज है।
प्रोजेक्ट 17A के तहत मेसर्स एमडीएल द्वारा चार जहाज और मेसर्स जीआरएसई द्वारा तीन जहाज निर्माण की प्रक्रिया में हैं।
2019 से 2023 के बीच चार सालों में एमडीएल और जीआरएसई द्वारा 6 जहाज अब तक लॉन्च किए जा चुके हैं।
महेंद्रगिरि में 76 मिमी बंदूक, दो 30 मिमी एके-630 एम एंटी एयरक्रॉफ्ट आर्टिलरी सिस्टम, दो टारपीडो ट्यूब, 6
[caption id="attachment_325765" align="alignnone" ] उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी ने पूजा-पाठ किया।[/caption]
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए लॉन्चर, 32 बराक-8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगी हैं।
इसका मेन रडार एमएफ-स्टार है। इसकी लंबाई 143 मीटर और चौड़ाई 16.9 मीटर है।
इसमें 37 अधिकारियों समेत 257 लोग रह सकते है।
[caption id="attachment_325768" align="alignnone" ] उपराष्ट्रपति ने महेंद्रगिरि को लॉन्च किया।[/caption]
ऐसे पड़ा महेंद्रगिरि नाम
भारतीय नौसेना के अनुसार, महेंद्रगिरि का नाम एक पर्वत चोटी के नाम पर रखा गया है। यह पर्वत चोटी ओडिशा के पूर्वी घाट में स्थित है, जो सबसे ऊंची है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है। इसका डिजाइन युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने किया है।
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