भारतीय नौसेना के कोच्चि नेवल बेस में डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट जहाज को नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है. यह भारतीय नौसेना का पहला ऐसा जहाज है जो समुद्र की कई फिट गहराई की अंदर तक जाकर दुश्मन के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है. यानी इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट जहाज दुश्मन के खिलाफ चौतरफा हमला करने के लिए तैयार है. नौसेना सूत्रों के मुताबिक इस जहाज के शामिल होने के बाद नौसेना को महत्वपूर्ण ऑपरेशनल क्षमता मिली है.
इस जहाज की कई खासियत को न्यूज 24 के साथ सूत्र ने साझा किया है. मिली जानकारी के मुताबिक यह जहाज लगभग 390 टन का है. नौसेनिक गोताखोरों के साथ ही मार्कोश कमांडो के विशेष, मिशन के लिए इसे इसे आधुनिक से भी आधुनिक तरीके से तैयार किया गया है. आम तौर पर पहले किसी भी फाइटर समुद्री जहाज हो या फिर सेना का मालवाहक जहाज हो जहाज के नीचे यानी सतह की तरफ कोई गड़बड़ी आती थी तो उसके मरमम्त करने के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था,लेकिन डाइविंग सोपोर्ट क्राफ्ट जहाज के आने से यह सभी दिक्कत खत्म हो जाएगी. यह एक ऐसा जहाज नौसेना में शामिल हुआ है जो दुश्मनों पर बिना मैन पॉवर के ही चौतरफा हमला करेगा,खासकर ड्रोन हमाल चाहे समुद्र के उपर से हो या समुद्र के अंदर से हो यह बड़ी ही आसानी से अपने एरियल पॉवर की मदद से दुश्मनों के सभी हमलों के ध्वस्त करके अपने बेड़े में तेजी से वापस आ सकता है. इसे तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन के रडार भी इसे पकड़ नहीं पाएगा. इसी से आप सहज अंदाजा लगा सकते है कि भारतीय नौसेना के लिए यह जहाज भविष्य में कितना मुहत्वपूर्ण रोल निभाएगा. यह जहाज दुश्मन के इलाके में सटीक सर्जिकल स्ट्राइक करने का भी माद्दा रखता है. सबसे खास बात यह है कि इसे बनाने में बहुत कम लागत आया है हालांकि कितने रुपये में इसे बनाया गया है उसे साझा नहीं किया गया है. कोलकाता में तैयार हुआ यह जहाज बहुत बड़ा गेम चेंजर साबित तो होगा ही साथ ही दुस्मन के अलावा सुमुद्री लुटेरों पर हमला या फिर मुसीबत के समय किसी जहाज को भी तत्काल मदद पहुंचाने का काम करेगा.
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भारतीय नौसेना के एक पूर्व एडमिरन ने न्यूज 24 से कहा कि अब तक किसी खास ऑपरेशन के लिए दूसरे देश के जहाज पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट जहाज के आ जाने से यह निर्भता तो खत्म हो ही गई है साथ ही पूरी दुनिया को यह साबित किया गया है कि भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री अब कठिन से कठिन युद्धपोत और सपोर्ट वेसल बनाने में पूरी तरह से तैयार है.
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