TrendingPM Modi US VisitMaha Kumbh 2025Valentine WeekDelhi Assembly Elections 2025Ranji TrophyIND vs ENGChampions Trophy 2025

---विज्ञापन---

आज के दिन घुटनों पर था पाकिस्तान, कश्मीर की चाह में खोने वाला था लाहौर; याद है न 1965 की जंग

india pakistan war 1965: 1965 की जंग के सहारे पाक सोच रहा था कि वह कश्मीर को भारत से छीन लेगा। लेकिन उसकी ख्वाहिश पूरी तो नहीं हुई, उल्टा लाहौर तक भारतीय सेना पहुंच गई थी। पाक को लग रहा था कि 1962 की जंग के बाद भारत कमजोर हो चुका है। चीन ने उसे […]

india pakistan war 1965: 1965 की जंग के सहारे पाक सोच रहा था कि वह कश्मीर को भारत से छीन लेगा। लेकिन उसकी ख्वाहिश पूरी तो नहीं हुई, उल्टा लाहौर तक भारतीय सेना पहुंच गई थी। पाक को लग रहा था कि 1962 की जंग के बाद भारत कमजोर हो चुका है। चीन ने उसे गहरा सदमा दिया है। ऊपर से अमेरिकी मदद। अब क्यों न कश्मीर को हासिल कर लिया जाए। ऐसे में बिना सोचे समझे अगस्त 1965 में भारत पर हमला कर दिया। लेकिन सितंबर की शुरुआत में उसको पता लग गया था कि कितनी बड़ी गलती की है। पाक ने भारत को जवाब देने के लिए 3 फेज की रणनीति बनाई थी। लेकिन भारतीय सेना ने उसकी फौज को करारी मात दी। लगने लगा था कि जल्द लाहौर पर भारत का कब्जा होगा।

कश्मीर जीतने की चाह में पाक ने खाई मुंह की

पाकिस्तान ने जंग को ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम नाम दिया था। उसने सोचा था कि वह अखनूर ब्रिज पर छांब इलाके में कब्जा करके भारतीय सेना को रोक लेगा। जिसके बाद भारतीय सेना जम्मू नहीं पहुंच पाएगी। कश्मीर भारत के हाथ से निकल जाएगा। सुबह पौने चार बजे घातक हमला भारत पर कर दिया। यह भी पढ़ें-जस्टिन के पिता का भी सख्त रहा रवैया, आखिर क्यों भारत के खिलाफ बेरुखी दिखाता है ट्रूडो परिवार? वहां, मौजूद भारतीय सेना की 191 ब्रिगेड तीन तरफ के हमले को झेल नहीं सकी। जिसके कारण स्थिति नाजुक हो गई। जिसके बाद भारत ने प्लान किया कि क्यों न राजस्थान की तरफ से लाहौर पर अटैक किया जाए। जिसने पाक की पूरी योजना की हवा निकाल दी।

पीओके के 8 किलोमीटर भीतर घुस गया था भारत

इसके बाद भारत की तीन डिविजन ने पठानकोट से लेकर सूरतगढ़ में मोर्चा खोल दिया था। भारतीय सेना की एक्सवन कोर 6 सितंबर तक पाकिस्तान के कई इलाकों को कब्जे के लिए आगे बढ़ी। जिसके बाद जंग तेज हो चुकी थी। सेना सियालकोट और लाहौर के काफी करीब थी। साफ था कि लाहौर भारत के कब्जे में होगा। लेकिन आज यानी 23 सितंबर के दिन संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से पाक और भारत में ताशकंद समझौता हुआ। जिसके कारण जंग थमी। लेकिन पाक की हेकड़ी नहीं निकली। पाक ने दावा किया कि उरी और पुंछ उसके कब्जे में है। जबकि भारत पीओके के 8 किलोमीटर भीतर हाजी पीर पास तक जा चुका था। पाक ने हार के बाद भी सबक नहीं लिया। उस समय गुजरात में कच्छ के रण की सीमा को लेकर विवाद था। जो 3 साल बाद ब्रिटिश पीएम हैरॉल्ड विल्सन के हस्तक्षेप से सुलझ पाया था।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.