भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया है, लेकिन बीते दिनों दोनों देशों के बीच तनाव के दौरान तुर्की (Turkey) खासा सुर्खियों में रहा और उसका पाकिस्तान प्रेम खुलकर सामने आया। भारत पर हमले के दौरान जो ड्रोन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए मार गिराए गए, वो भी तुर्की ने पाकिस्तान को दिए थे। अब सीजफायर के बाद पाकिस्तान के इस दोस्त के खिलाफ भारत में विरोध शुरू हो गया है और BOYCOTT TURKEY मुहिम जोर पकड़ने लगी है। इसी बीच मोदी सरकार ने भी तुर्की को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, तुर्की की कंपनी सेलेबी एविएशन कई प्रमुख भारतीय एयरपोर्ट्स की सिक्योरिटी और कार्गो हैंडलिंग संभाल रही थी। अब भारत सरकार ने सेलेबी कंपनी की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
सरकारी बयान में क्या कहा गया?
एक सरकारी बयान में कहा गया है, 'ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी कैटगरी के तहत सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मामले में सुरक्षा मंजूरी को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक की ओर से पत्र संख्या 15/99/2022-दिल्ली-बीसीएएस/ई-219110 दिनांक 21.11.2022 के तहत मंजूरी दी गई है।' बयान में कहा गया है, 'राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के लिए नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के निर्देश के अनुपालन में, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो संचालन के लिए जिम्मेदार सेलेबी कंपनी के साथ अपने संबंध औपचारिक रूप से समाप्त कर दिए हैं।' बयान में आगे कहा गया, 'बीसीएएस के महानिदेशक को मिलीं शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।'
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने क्या कहा?
भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि हमारे देश और हमारे साथी नागरिकों की सुरक्षा से ऊपर कुछ भी नहीं है। राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि यात्री सुविधा, कार्गो संचालन और सेवा निरंतरता अप्रभावित रहे। यात्रियों और कार्गो के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रभावित हवाई अड्डों पर व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि 'मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रह हूं और मंत्रालय परिवर्तन को सुचारू रूप से प्रबंधित करने के लिए हवाई अड्डे के संचालकों के साथ सक्रिय समन्वय में है। यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि सेलेबी के साथ काम करने वाले कर्मचारियों को बनाए रखा जाए और वे योगदान देना जारी रखें।
मंत्री ने आगे कहा, 'हम परिचालन की निगरानी करने और वास्तविक समय में किसी भी उभरते मुद्दे को ध्यान में रखने के लिए विशेष टीमों को भी तैनात कर रहे हैं। हम देश भर में यात्रा और कार्गो की आवाजाही को आसान बनाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखना जारी रखेंगे।'
8 एयरपोर्ट पर सेवा दे रही थी सेलिबी एविएशन
तुर्की की जॉइंट वेंचर कंपनी सेलिबी एविएशन (Celibi Aviation) दिल्ली, मुंबई और चेन्नई सहित 8 भारतीय एयरपोर्ट्स पर हाई सिक्योरिटी से जुड़ा कार्य संभाल रही थी। यह भारत में सालाना 58 हजार फ्लाइट्स का मैनेजमेंट संभालती थी। सेलिबी एविएशन भारत में किए जाने वाले एयरपोर्ट से संबंधित कई काम जैसे ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो प्रबंधन और एयरसाइड ऑपरेशन्स से जुड़े काम करती थी, जो हाई सिक्योरिटी से जुड़े काम थे। सेलेबी के कर्मचारी कार्गो लॉजिस्टिक्स और पैसेंजर्स बैगेज का काम भी संभालते थे, जिसमें इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए निर्धारित सामान शामिल हैं।
भारत के एविएशन सेक्टर से 2008 से जुड़ा था सेलेबी एविएशन
सेलेबी एविएशन की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, यह हर साल 58,000 से अधिक उड़ानों और 5,40,000 टन कार्गो को संभालता है। इसके कुल कर्मचारियों की संख्या 7,800 के करीब है। देश की सबसे बड़ी प्रायवेट एयरलाइन कंपनी इंडिगो का टर्किश एयरलाइन के साथ कोडशेयर एग्रीमेंट है। साथ ही एयर इंडिया जैसी कई दूसरी कंपनियों के भी टर्किश एयरलाइन के साथ संबंध हैं। सेलेबी ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक जॉइंट वेंचर के तहत साल 2008 में एंट्री की थी। यहां इसे ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज प्रोवाइड करने का काम सौंपा गया। जिसके बाद इसने धीरे-धीरे अपना विस्तार भारत के अलग अलग प्रमुख शहरों में किया, जिसमें मुंबई, दिल्ली, कोचीन, कन्नूर, बैंगलोर, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद और चेन्नई जैसे एयरपोर्ट शामिल हैं।
क्या होता है कोडशेयर एग्रीमेंट?
कोडशेयर एग्रीमेंट दो या अधिक एयरलाइंस के बीच एक व्यावसायिक व्यवस्था है, जहां वे एक ही उड़ान साझा करते हैं, लेकिन अपनी उड़ान संख्या के तहत टिकट बेचते हैं। इसका मतलब है कि एक यात्री एक एयरलाइन (मार्केटिंग वाहक) के साथ टिकट बुक कर सकता है, लेकिन वास्तव में एक अलग एयरलाइन (ऑपरेटिंग वाहक) द्वारा संचालित उसी उड़ान पर यात्रा कर सकता है।
भारत में तुर्की का हो रहा बहिष्कार
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में लॉन्च किए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के आम नागरिकों और मिलिट्री बेस और एयरबेस को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की थी, लेकिन पाकिस्तान की इस कोशिश में तुर्की ने मदद की थी। उसने अपने ड्रोन सप्लाई किए थे, इसके बाद से ही भारत में तुर्की के बहिष्कार की मांग उठने लगी और लगातार इसका बॉयकॉट किया जा रहा है।