Congress Forms Committee Lok Sabha Election 2024: एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में बैठकों और परिवर्तन का दौर चल रहा है। इस बीच पार्टी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सीएम रहे भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को नई जिम्मेदारियां सौंपी है। पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय गठबंधन समिति का गठन किया है। इसमें 5 सदस्य हैं।
जानकारी के अनुसार इस समिति का गठन स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया है। समिति में अशोक गहलोत और भूपेश बघेल के अलावा मुकुल वासनिक सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश भी शािमल हैं। बता दें कि कल राजधानी नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक आयोजित की गई। कयास लगाए जा रहे थे कि इस बैठक में सीट बंटवारे और पीएम फेस को लेकर कुछ कदम उठाए जा सकते हैं लेकिन नतीजा सिफर रहा। क्योंकि इस बैठक में इन मुद्दों को लेकर सिर्फ चर्चा हुई। इसको लेकर कोई रणनीति अभी तक नहीं बन पाई है।
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चुनाव जीतने के बाद तय होगा पीएम- खड़गे
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन में संयोजक पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम प्रस्ताव दिया। वहीं दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने पीएम फेस के लिए खड़गे के नाम का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि सीएम फेस के लिए दलित चेहरा आगे करना ठीक होगा। हालांकि खड़गे ने उम्मीदवारी को लेकर तो कुछ नहीं कहा लेकिन इतना जरूर कहा कि हम सभी का मुख्य फोकस चुनाव जीतना है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आने वाले समय में 8 से 10 जनसभाएं गठबंधन के साथियों के साथ पूरे देशभर में की जाएगी। ताकि हम जनता के सामने अपनी बात रख सकें। इस बैठक में 28 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
यूपी-बिहार में सीट बंटवारे के लिए कौनसा फाॅर्मूला
इंडिया गठबंधन के लिए सबसे बड़ी परेशानी यूपी और बिहार है। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की 122 सीटें हैं। कांग्रेस इन दोनों राज्यों में अपनी दावेदारी को किसी भी कीमत पर कम नहीं करना चाहती। वहीं गठबंधन की सहयोगी सपा और जेडीयू यूपी की 80 में से 70 सीटों पर दावेदारी कर रही है। वहीं बिहार में भी राजद और जेडीयू सीट बंटवारे को लेकर तो सहमत है लेकिन कांग्रेस की 10 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी दोनों ही पार्टियों के गले नहीं उतर रही।
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लोकसभा चुनाव में चार महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में गठबंधन पार्टियों के लिए सीट बंटवारे का फाॅर्मूला तय करना बड़ी चुनौती है। हालांकि हिंदी हार्ट लैंड में जेडीयू-सपा और आप कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि गठबंधन में इन सीटों को लेकर क्या रणनीति बन पाती है?