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Independence Day 2022: लाल किले पर पहली बार मेड इन इंडिया हथियार से दी गई 21 तोपों की सलामी, जानें-ATAGS की ताकत

नई दिल्ली: प्रत्येक वर्ष भारतीय सशस्त्र बल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर 21 तोपों की सलामी देते हैं। 21 तोपों की सलामी हर साल ब्रिटिश निर्मित तोपों के माध्यम से दी जाती रही है, लेकिन सशस्त्र बलों ने 2022 में बदलाव के रास्ता पर चलने का फैसला लिया। स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक […]

नई दिल्ली: प्रत्येक वर्ष भारतीय सशस्त्र बल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर 21 तोपों की सलामी देते हैं। 21 तोपों की सलामी हर साल ब्रिटिश निर्मित तोपों के माध्यम से दी जाती रही है, लेकिन सशस्त्र बलों ने 2022 में बदलाव के रास्ता पर चलने का फैसला लिया। स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले पर तिरंगे को 21 तोपों की सलामी के लिए 75 वर्षों में पहली बार भारत में निर्मित तोप का इस्तेमाल किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक स्मारक पर तिरंगा फहराने के तुरंत बाद सलामी दी गई। अब तक औपचारिक सलामी के लिए ब्रिटिश तोपों का उपयोग किया जाता रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान पहली बार एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने लाल किले पर फूलों की वर्षा की। नरेंद्र मोदी ने अपने लाल किले के संबोधन के दौरान कहा, 'जिस आवाज को हम हमेशा से सुनना चाहते थे, हम उसे 75 साल बाद सुन रहे हैं। 75 साल बाद तिरंगे को लाल किले पर पहली बार भारत में बनी तोप से औपचारिक सलामी मिली है।' ATAGS तोपों के बारे में आपको मालूम हो ये सब आजादी के अमृत महोत्सव पर लाल किले से पहली बार स्वदेशी हॉवित्जर तोपों से सलामी दी गई। ATAGS यानी एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (Advanced Towed Artillery Gun System) मेड इन इंडिया तोप है। पीएम मोदी ने इसकी तारीफ की। सोमवार को औपचारिक सलामी के लिए इस्तेमाल की गई स्वदेशी तोप को केंद्र द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन किया गया है। DRDO द्वारा जारी किए गए विवरण के अनुसार, ATAGS भारत सरकार द्वारा विकसित एक स्वदेशी 155 मिमी x 52 कैलिबर हॉवित्जर तोप है और इसे DRDO की पुणे स्थित सुविधा आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान में बनाया गया। एटीजीएएस एक बड़ा कैलिबर गन सिस्टम है जिसमें सटीक और डीप स्ट्राइक करने के लिए लॉन्ग रेंज गाइडेड मुनिशन (एलआरजीएम) को दिया गया है। इस तोप को चार साल में बनाया गया। 2014 में परीक्षणों के दौरान, ATAGS हॉवित्जर ने 48 किमी की रिकॉर्ड रेंज हासिल की थी। इस साल मई में इसने सभी फील्ड परीक्षणों में सफलता हासिल की। अंतिम दौर की जांच और मंजूरी के बाद अब इसे भारतीय सेना में जल्द शामिल कर लिया जाएगा। ATAGS ने आज लाल किले पर 21 तोपों की सलामी दी। इससे पहले ये काम 25 पाउंडर ब्रिटिश तोपों से किया जाता था। उम्मीद है कि अब से ATAGS बंदूकें सभी स्वतंत्रता दिवस समारोहों का हिस्सा होंगी।


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