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वक्फ संशोधन बिल सदन में पेश, अब कैसे होगा पास, आगे क्या-क्या होगा?

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश होने के बाद आगे क्या होगा, किस तरह का प्रॉसेस फॉलो किया जाएगा और ये कानून कैसे बनेगा, आइए जानते हैं।

वक्फ बिल लोकसभा में पेश हुआ।
वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। इसे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। हालांकि इस संशोधन विधेयक के विरोध में इंडिया ब्लॉक समेत कई राजनीतिक पार्टियां खड़ी रहीं, लेकिन एनडीए और उसकी सहयोगी पार्टियों ने मजबूती से इस बिल का समर्थन किया है। आइए जानते हैं कि लोकसभा में बिल को पेश करने के बाद आगे क्या प्रक्रिया होगी और ये विधेयक अब कैसे कानून बनेगा?

272 सांसदों का समर्थन जरूरी 

संशोधन विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा पूरी होने के बाद इसका लोकसभा से पास होना तय माना जा रहा है क्योंकि एनडीए के पास संख्याबल है। एनडीए के पास लोकसभा में 293 सांसद हैं। यहां बहुमत के लिए 272 सांसदों का समर्थन जरूरी है। लोकसभा से इसका पास होना लगभग तय है बशर्ते एनडीए के सभी सांसद एकजुट रहें। विधेयक के समर्थन में मतदान होने के बाद इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। जहां सदन सदस्य इस पर चर्चा करेंगे। यहां भी एनडीए के पास बहुमत है।

राज्यसभा में 118 सदस्यों का समर्थन जरूरी 

एनडीए को बहुमत के लिए 118 सदस्यों का समर्थन चाहिए, जबकि उसके पास 119 सांसद हैं। ऐसे में राज्यसभा से भी इसका पास होना लगभग तय है। संसद के दोनों सदनों में बिल पर चर्चा के दौरान कोई संशोधन प्रस्ताव रख सकते हैं। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाता है। किसी भी विधेयक के पास होने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होती है। ये भी पढ़ें: वक्फ संशोधन बिल पर बवाल क्यों, सरकार का तर्क क्या? 10 पॉइंट्स में जानें हर डिटेल

विधेयक के पास होने का रास्ता साफ 

यदि राष्ट्रपति किसी भी बिंदु पर आपत्ति जताते हैं तो इसे एक बार फिर लोकसभा में भेजा जाता है। वैसे, ज्यादातर बिल को दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बिल के पास होने का रास्ता लगभग साफ है। हालांकि अंतिम मंजूरी राष्ट्रपति की ही होती है, अगर वह विधेयक को पास करने से मना कर देते हैं तो यह रद्द हो जाता है।

अधिसूचना के बाद बनेगा कानून 

राष्ट्रपति की ओर से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद यह कानून (Act) में तब्दील हो जाता है। इसके बाद भारत के राजपत्र (Gazette of India) में अधिसूचित करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस अधिसूचना के बाद संबंधित मंत्रालय में भेजा जाता है। जहां सरकारी एजेंसियां नए कानून को अमलीजामा पहनाती हैं। फिर इसे लागू कर दिया जाता है। फिर इसके नियम और दिशानिर्देश लागू किए जाते हैं। इस तरह यह कानून लागू हो जाता है। जिसका पालन करना अनिवार्य है। कानून का पालन न करने पर सजा का प्रावधान होता है। ये भी पढ़ें: वक्फ बिल से क्यों नाखुश हैं मुसलमान? 5 पॉइंट्स में समझें पूरा विवाद क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
  • वक्फ संशोधन विधेयक के जरिए वक्फ की संपत्तियों के मैनेजमेंट में सुधार किया जाएगा।
  • वक्फ बोर्ड पर राज्य सरकारों को शक्तियां दी जाएंगी।
  • वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे, मालिकाना हक का विवाद, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन जैसे मुद्दे सुलझाने में मदद मिलेगी।
  • वक्फ बोर्ड में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी।
  • वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।
  • वक्फ डीड के बिना किसी भी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का दावा नहीं होगा।
  • दान का दस्तावेज भी जरूरी होगा।
  • किसी भी विवाद की स्थिति में वक्फ ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकेगी, लेकिन नए कानून के तहत ट्रिब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।


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