Gyanvapi Masjid Case: परिसर की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर कोर्ट करेगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष ने पहले ही रखी शर्त
ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष का बयान आया सामने।
Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर आज वाराणसी के जिला अदालत में अहम फैसला सामने आ सकता है। दरअसल, आज कोर्ट में फैसला किया जाएगा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा या नहीं। मालूम हो कि कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से दावा किया गया था कि इस मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में एक मंदिर के ऊपर किया गया था।
वहीं, दूसरी ओर फैसला आने से पहले मुस्लिम पक्ष यानी ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने कोर्ट के सामने एक नई शर्त रखी है। दरअसल, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट को सील बंद रखा जाना चाहिए। पक्ष का कहना है कि जब दोनों पक्ष इस बात का वचन देंगे कि इस रिपोर्ट को वो लीक नहीं करेंगे, उसके बाद ही रिपोर्ट को इनके सामने रखना चाहिए।
सर्वे रिपोर्ट को लेकर कोर्ट करेगा आखिरी फैसला
हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन ने कहा, ''मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए, लेकिन आखिरी फैसला कोर्ट पर निर्भर करेगा कि वो सर्वे रिपोर्ट को सील बंद रखना चाहता है या उसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।'' साथ ही, वकील चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सर्वे रिपोर्ट सीलबंद कवर में दाखिल नहीं किया जाना चाहिए।
कई एक्सटेंशन के बाद पूरा हुआ सर्वे
मालूम हो कि 21 जुलाई को एक आदेश पारित करते हुए कहा था कि मस्जिद के गुंबद और तहखाने समेत अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया गया था। साथ ही, कोर्ट ने खास निर्देश दिया था कि इस सर्वेक्षण के दौरान एएसआई इस बात का खास ख्याल रखे कि ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। हालांकि, 4 अगस्त को शुरू किए गए इस सर्वेक्षण में वजू खाने की सर्वेक्षण पर रोक लगा दी गई थी।
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ध्यान देने वाली बात यह है कि इस सर्वेक्षण को पूरा होने में काफी समय लगा है। दरअसल, संस्थान को सर्वेक्षण के लिए कई बार एक्सटेंशन भी दिया गया है।
शाही ईदगाह के सर्वेक्षण का मुद्दा गरमाया
ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे के बीच एक नए मुद्दे पर भी चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बीते गुरुवार को कृष्ण जन्मभूमि से सटे शाही ईदगाह मस्जिद का भी सर्वेक्षण करने परमिशन दे दी, लेकिन मुस्लिम पक्ष के अनुरोध के आधार पर सोमवार को होने वाली सुनवाई को आगे के लिए टाल दिया गया है।
कैसे उठा सर्वेक्षण का मुद्दा?
ज्ञानवापी मस्जिद और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि इस्लामी शासकों द्वारा अपना आक्रोश और ताकत दिखाने के लिए मंदिरों को तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद का निर्माण किया गया था। अब हिंदू पक्ष, सर्वेक्षण के आधार पर अपनी जमीन वापस पाना चाहते हैं और मंदिर स्थापित करना चाहता है।
हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावे और तर्कों को खारिज करते हुए इसका विरोध जताया है। मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 के मुताबिक, स्वतंत्रता के समय धार्मिक स्थल जिस रूप में मौजूद थे, उसे वहीं मान्यता दिए जाने का प्रावधान है। हालांकि, गौर करने वाली बात यह है कि उस अधिनियम में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल को शामिल नहीं किया गया था।
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